फार्मा सेक्टर की दिग्गज कंपनी डॉ. रेड्डीज लैब्स के शेयर 8 जनवरी 2025 को जबरदस्त रफ्तार में नजर आए। शेयर की कीमत 3.99% उछलकर ₹1,404.60 के इंट्रा-डे हाई पर पहुंच गई। यह इसके 52-सप्ताह के हाई ₹1,420.20 के करीब है।
ब्रोकरेज फर्म ने बदला मूड, ‘रिड्यूस’ से ‘बाय’ किया
शेयर की इस तेजी के पीछे घरेलू ब्रोकरेज फर्म Nuvama का बड़ा हाथ है। फर्म ने डॉ. रेड्डीज के शेयर को ‘रिड्यूस’ से अपग्रेड कर ‘बाय’ कर दिया है। साथ ही, इसका टारगेट प्राइस ₹1,553 तय किया है। यह 7 जनवरी के बंद प्राइस ₹1,375 से करीब 13% ऊपर है।
Revlimid पेटेंट के असर से निपटने की तैयारी
Nuvama की रिपोर्ट में कंपनी की रणनीतियों की तारीफ की गई है, खासकर 2026 में Revlimid के पेटेंट एक्सपायर होने से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए। Revlimid फिलहाल कंपनी के FY24 EBITDA का 40% योगदान देता है। एनालिस्ट्स का कहना है कि कंपनी की तैयारी इस असर को 80% तक संभाल सकती है।
कनाडा में Semaglutide और अमेरिका में Abatacept बायोसिमिलर जैसे नए लॉन्च से कंपनी को बड़ी उम्मीदें हैं। यह Revlimid के नुकसान की भरपाई कर सकते हैं। हालांकि, प्रोडक्ट अप्रूवल में देरी जैसे कुछ जोखिम भी हैं, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है।
कंपनी ने अपनी अमेरिकी सब्सिडियरी Dr. Reddy’s Laboratories Louisiana LLC और इसकी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को Jaguar Labs Holdings को सिर्फ $1 में बेचने का समझौता किया है। इस बिक्री के बाद यह यूनिट अब कंपनी का हिस्सा नहीं रहेगी।
डॉ. रेड्डीज: दवा इंडस्ट्री का बड़ा नाम
1984 में डॉ. कल्लम अंजी रेड्डी द्वारा स्थापित, डॉ. रेड्डीज लैब्स दुनिया भर में अपनी दवाओं, बायोसिमिलर्स और फार्मा प्रोडक्ट्स के लिए मशहूर है। कंपनी के पास 23 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं और यह 9 R&D सेंटर्स के जरिए दवा क्षेत्र में इनोवेशन करती है।
शेयर बाजार में आज का हाल
आज बाजार बंद होने तक डॉ. रेड्डीज के शेयर ₹1,375 पर ट्रेड कर रहे थे, जो 1.74% की तेजी दिखा रहा था। वहीं, दूसरी ओर BSE सेंसेक्स 0.06% गिरावट के साथ 78,148.49 पर था।