सबकी नजरें प्रमुख आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) पर टिकी हुई हैं। दरअसल, कंपनी 9 जनवरी को दिसंबर 2024 तिमाही के नतीजे जारी करेगी। नॉर्थ अमेरिका में यह सीजन क्रिसमस और छुट्टियों का होने की वजह से कंपनी के नतीजे दिसबंर तिमाही में कमजोर रह सकते हैं। बहरहाल, शेयर बाजार की नजर कैलेंडर ईयर 2025 में डिमांड रिकवरी को लेकर गाइडेंस पर होगी। टीसीएस के मामले में अब फोकस जेनरेटिव AI डील को लेकर मैनेजमेंट की टिप्पणी, बीएसएनएल (BSNL) डील की स्थिति, कमजोर रुपये से मार्जिन पर असर, क्लाइंट बजट आवंटन और बड़ी डील को लेकर आउटलुक पर होगा।
कंपनी के नतीजों में इन थीम्स पर नजर रहेगी:
रेवेन्यू ग्रोथ
7 ब्रोकरेज फर्मों के मनीकंट्रोल के सर्वे के मुताबिक, दिसंबर 2024 तिमाही में टीसीएस के रेवेन्यू में तिमाही आधार पर 1 पर्सेंट की गिरावट हो सकती है। आईटी कंपनियों के लिए आम तौर पर यह तिमाही कमजोर होती है। इसके अलावा भी कई अन्य वजहों से टीसीएस की परफॉर्मेंस कमजोर रह सकती है।
रुपये में कमजोरी का असर
डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी का सिलसिला जारी है और भारतीय आईटी सेक्टर को इसका फायदा मिल रहा है। जहां तक टीसीएस का सवाल है, तो कंपनी के कुल बिजनेस में अमेरिका प्रोजेक्ट्स की हिस्सेदारी 50 पर्सेंट से भी ज्यादा है। कुछ एक्सपर्ट्स का तो यहां तक कहना है कि अगले 6-9 महीनों में डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होकर 90-92 के लेवल पर पहुंच सकता है।
डिमांड आउटलुक
पिछली कुछ तिमाहियों से भारतीय आईटी इंडस्ट्री के खिलाड़ी मांग में रिकवरी के संकेत दे रहे हैं। खास तौर पर BFSI और जेनरेटिव AI जैसे सेगमेंट में रिकवरी का ट्रेंड दिख रहा है।
इमर्जिंग मार्केट्स पर फोकस
टीसीएस के मैनेजमेंट ने दूसरी तिमाही में अपनी रणनीति में थोड़ा बदलाव करते हुए कहा था कि कंपनी को लंबी अवधि में टिकाऊ ग्रोथ के लिए विकासशील देशों यानी इमर्जिंग मार्केट्स से काफी उम्मीदे हैं। इन क्षेत्रों में भारत, एशिया-पैसिफिक (APAC), लैटिन अमेरिका, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका शामिल हैं।
जेनरेटिव AI डील
जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), टेक सर्विसेज कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा के स्तर पर फायदेमंद है। साथ ही, जहां तक टॉप खिलाड़ियों का सवाल है, तो सिर्फ टीसीएस (TCS) और एक्सेंचर (Accenture) को हर तिमाही में जेनरेटिव AI डील के मौके मिल रहे हैं।