Stock market : तेज रिकवरी के बीच सेंसेक्स और निफ्टी सपाट बंद हुए हैं। आईटी,तेल और गैस शेयरों में बढ़त देखने को मिली है। 8 जनवरी को भारी-उठापटक वाले कारोबारी सत्र में निफ्टी के साथ भारतीय इक्विटी सूचकांक सपाट बंद हुए हैं। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 50.62 अंक या 0.06 फीसदी की गिरावट के साथ 78,148.49 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 18.95 अंक या 0.08 फीसदी की गिरावट के साथ 23,688.95 पर बंद हुए। आज लगभग 1336 शेयरों में तेजी आई, 2466 शेयरों में गिरावट आई और 96 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
निफ्टी पर ओएनजीसी,आईटीसी,रिलायंस इंडस्ट्रीज, एशियन पेंट्स, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज टॉप गेनर्स में शामिल रहे हैं। जबकि अपोलो हॉस्पिटल्स,ट्रेंट,बजाज ऑटो,अल्ट्राटेक सीमेंट और श्रीराम फाइनेंस निफ्टी के टॉप लूजर रहे।
बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्सों में 1 फीसदी की गिरावट आई। अगल-अलग सेक्टरों पर नजर डालें तो एफएमसीजी,तेल एवं गैस,आईटी और टेलीकॉम में 0.3-1 फीसदी की बढ़त हुई। जबकि रियल्टी,पीएसयू बैंक,फार्मा,मेटल,मीडिया,बैंक,ऑटो में 0.4-1 फीसदी की गिरावट आई।
प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर का कहना है कि आज बाजार में बाजार में उतार-चढ़ाव भरा कारोबारी सत्र देखने को मिला। मंदड़ियों ने तो शुरुआत में निफ्टी को 200 से ज्यादा अंक नीचे खींच लिया। इसकी मुख्य वजह कमजोर जीडीपी अनुमान रहा। हालांकि,निफ्टी को 23500 के स्तर के आसपास सपोर्ट मिला और हैवीवेट शेयरों के मजबूत प्रदर्शन की मदद से इसमें रिकवरी देखने को मिली। इस सपोर्ट ने बाजार को उबरने में मदद की और अंत में यह 18.95 अंकों की मामूली गिरावट के साथ 23,688.95 पर बंद हुआ।
आज निफ्टी ने बुलिश हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न बनाया और ट्रेंड रिवर्सल का संकेत देते हुए सिमेट्रिकल ट्राएंगल फॉर्मेशन के निचले छोर को टेस्ट किया। आज का 23,500 का निचला स्तर अब तत्काल सपोर्ट के रूप में देखा जा रहा है। ऊपर की ओर 23,800-23,900 के जोन में अहम रजिस्टेंस होगा।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि आर्थिक वृद्धि के धीमे अनुमान और तीसरी तिमाही के आंकड़ों से पहले आई सतर्कता ने बाजार में वोलैटिलीटी बढ़ा दी। हालांकि,अब तक काफी पिट चुके ब्लू-चिप शेयरों में खरीदारी शुरु होने और आगामी बजट में सुस्त अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार द्वारा किए जाने वाले सुधारों की उम्मीद के कारण बाजार में दिन के निचले स्तर से सुधार देखा गया। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़त और यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में कम कटौती की आशंका के कारण बाजार का निकट अवधि का रुझान कमजोर रहने की संभावना है।
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