यूनियन बजट 2025 में केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। केंद्रीय कर्मचारियों के 10 ट्रेड यूनियंस ने सरकार से 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग की है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से समर्थन हासिल करने वाले भारतीय मजदूर संघ ने भी नए वेतन आयोग के गठन की मांग की है। ट्रेड यूनियंस ने इस बारे में फाइनेंस मिनिस्ट्री को बताया है। बजट से पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मुलाकात में ट्रेड यूनियंस ने कहा कि सरकार को जल्द आठवें वेतन आयोग के गठन का ऐलान करना चाहिए। उम्मीद है कि सरकार यूनियन बजट 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन का ऐलान कर सकती हैं।
भारतीय मजदूर संघ (BMS) के सीनियर नेता पवन कुमार ने कहा कि सरकारी कंपनियों (PSU) के एंप्लॉयीज की सैलरी को लेकर भी जल्द बातचीत शुरू होनी चाहिए। ट्रेड यूनियंस ने सरकार को कई सलाह दी है। यूनियंस का कहना है कि सरकार को बेरोजगारी के मसले के समाधान के लिए जल्द कदम उठाने चाहिए। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2024 में युवाओं को रोजगार के मौके उपलब्ध कराने के लिए नई स्कीम के ऐलान किए थे। ट्रेड यूनियंस का कहना है कि सरकार को बड़ी संख्या में रोजगार के मौके बनाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।
ट्रेड यूनियंस का कहना है कि सरकार अगर सरकारी कंपनियों (PSU) में खाली पदों को भरने की कोशिश करती है तो इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में लोगों की इनकम बढ़ाने के लिए सरकार मनरेगा को अट्रैक्टिव बना सकती है। अभी इस स्कीम के तहत साल में 100 दिन के रोजगार की गांरटी है। इसे बढ़ाकर 200 दिन करने की जरूरत है। यह स्कीम कोविड के दौरान काफी मददगार साबित हुई थी। सरकार को इस स्कीम के तहत मजदूरी बढ़ाकर रोजाना 600 रुपये करने की जरूरत है। यूनियंस ने कहा है कि सरकार को मनरेगा की तर्ज पर शहरी इलाकों में भी रोजगार की गारंटी वाली स्कीम शुरू करने की जरूरत है।
प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी के साथ दिसंबर के आखिर में मीटिंग में इकोनॉमिस्ट्स ने सरकार को कंजम्प्शन बढ़ाने की सलाह दी थी। इसका मकसद आर्थिक ग्रोथ तेज करना है। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ घटकर 5.4 फीसदी पर आ गई है। इकोनॉमिस्ट्स का कहना है कि इकोनॉमी की ग्रोथ बढ़ाने के लिए अगर जल्द कदम नहीं उठाया गया तो मुश्किल बढ़ सकती है। 2047 तक इंडिया को विकसित देश बनाने के लिए कम से कम 7-8 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ जरूरी है।