Share Market: एक दिन की तेजी के बाद भारतीय शेयर बाजार बुधवार 8 जनवरी को फिर से गिरावट की चपेट में आ गए। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 500 अंकों तक टूट गया। निफ्टी भी टूटकर 23,600 के नीचे चला गया। इससे पहले इस हफ्ते की शुरुआत में भी शेयर बाजार में एक बड़ा भूचाल देखने को मिला था, जब चीन में फैल रहे कोरोना जैसे नए वायरस HMPV के मामलों की भारत में मिलने की खबरें सामने आईं। भारत में अबतक इसके कुल 8 मामले मिल चुके हैं। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस वायरस ने शेयर बाजार के पहले से ही कमजोर सेंटीमेंट को और हिला दिया है, जिसके चलते निवेशक बिकवाली कर रहे हैं।
कई निवेशक इस वायरस के असर की तुलना कोरोना महामारी से करने लगे हैं, जिसने 2020 में भारत समेत दुनिया भर के शेयर बाजारों को भारी नुकसान पहुंचाया था। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बार हालात उतने गंभीर नहीं हैं, लेकिन बाजार में डर का माहौल जरूर है। उन्होंने कहा कि इस बार वायरस के अलावा कई अन्य कारण भी गिरावट में अपना योगदान दे रहे हैं, जो निवेशकों को परेशान कर रहा है। इसमें विदेशी निवेशकों की ओर से लगातार बिकवाली, कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ में गिरावट, महंगा वैल्यूएशन और ऊंची ब्याज दरें जैसे कारण शामिल है।
एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?
मोतीलाल ओसवाल AMC के एमडी एंड सीईओ प्रतीक अग्रवाल ने कहा कि नए वायरस के चलते शेयर बाजार में घबराहट है। उन्होंने कहा, “नए वायरस के चलते बाजार में रिएक्शन देखने को मिला है। निवेशकों ने पैनिक सेलिंग की।” हालांकि प्रतीक अग्रवाल ने इसके चलते बाजार में किसी भी बड़ी गिरावट को खरीदारी के मौके के रूप में देखने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा, “अभी तो मेरी समझ में जो आ रहा है वो यह है कि ये वायरस एक सामान्य फ्लू की तरह ही है। सरकार ने भी कुछ ऐसा ही कहा है। ऐसे में अगर इसके चलते बाजार में कोई बड़ी गिरावट आती है, तो इसे खरीदारी के मौके के रूप में देखा जाना चाहिए। घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) लगातार गिरावट पर खरीदारी कर रहे हैं। आगे भी उनकी यही रणनीति रहने वाली है।”
HDFC सिक्योरिटीज मे कमोडिटीज एंड करेंसीज के हेड, अनुज गुप्ता ने भी कुछ ऐसी ही राय जाहिर की। उन्होंने कहा कि HMPV वायरस के चलते शेयर बाजार में कोविड काल जैसी गिरावट देखने को मिलेगी, यह कहना अभी काफी जल्दबाजी होगी। तस्वीर साफ होने के लिए हमें कुछ समय और इंतजार करना चाहिए। बाकी एक्सपर्ट्स भी निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहने और बाजार की स्थिति पर नजर बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, “बाजार में डर का माहौल इसलिए है क्योंकि HMPV के प्रभाव का आकलन करना अभी मुश्किल है। लेकिन Q3 नतीजों के बाद बाजार में स्थिरता आ सकती है।” स्टॉक्सबॉक्स के रिसर्च हेड, मनीष चौधरी ने कहा, “HMPV वायरस के भारत में मिले शुरुआती मामलों के चलते बाजार का सेंटीमेंट थोड़ा खराब हो सकता है, लेकिन इसका असर सीमित रहने की उम्मीद क्योंकि यह कोविड वायरस की तुलना में काफी कम घातक प्रतीत हो रहा है।”
जब एक दिन में 13% गिर गया था सेंसेक्स
कोरोना वायरस महामारी के दौरान भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। साल 2020 के पहले तीन महीने- जनवरी, फरवरी और मार्च में शेयर बाजार लाल निशान में बंद हुए थे। 23 मार्च 2020 को लॉकडाउन के ऐलान के बाद तो सेंसेक्स और निफ्टी एक दिन में करीब 13% क्रैश हो गए। सेंसेक्स उस दिन 3,934.72 अंक (13.15%) गिरकर 25,981.24 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 1,135.20 अंक (12.98%) गिरकर 7,610.25 पर बंद हुआ।
वहीं पूरे मार्च 2020 महीने की बात करें, तो निफ्टी-50 इंडेक्स ने उस महीने 23.25 फीसदी का गोता लगाया था। यह दिसंबर 2011 के बाद किसी एक महीने में शेयर बाजार में आई सबसे बड़ी गिरावट थी। इससे पहले फरवरी 2020 और जनवरी 2020 में निफ्टी इंडेक्स क्रमश: 6.36 फीसदी और 1.36 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए थे।
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