Paras Defence Share Price: डिफेंस सेक्टर की कंपनी पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजी के शेयरों में मंगलवार 10 जनवरी को कारोबार के दौरान 10 फीसदी का अपर सर्किट लगा। यह तेजी इस खबर के बाद आई कंपनी को सरकार से आर्म्स एक्ट 1959 के तहत हल्के मशीन गन बनाने की मंजूरी मिली गई है। कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी एक सूचना में बताया कि उसे डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) से लाइट मशीन गन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए लाइसेंस मिल गया है। इस खबर के बाद कंपनी के शेयर आज 10 फीसदी तक उछल गए।
कंपनी ने बताया कि यह लाइसेंस पारस डिफेंस को MK-46 और MK-48, बेल्ट-फेड लाइट मशीन गनों (LMG) को बनाने की इजाजत देता है। कंपनी ने बताया कि यह एक आधुनिक, बेहतर और रिफाइंड हथियार है और इसकी प्रस्तावित सालाना क्षमता 6,000 बंदूकें है। पारस डिफेंस को यह लाइसेंस आर्म्स एक्ट, 1959 के तहत दिया गया है। इस लाइसेंस की वैधता आजीवन है।
इससे पहले पारस डिफेंस ने मौजूदा वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही के शानदार नतीजे जारी किए थे। कंपनी ने बताया कि सितंबर तिमाही में उसका शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 45 फीसदी बढ़कर 12.70 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल इसी तिमाही में 12.70 करोड़ रुपये रहा था। वहीं कंपनी का EBITDA मार्जिन बढ़कर 26.1 फीसदी पर पहुंच गया, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 25.3 फीसदी थे।
पिछले साल नवंबर के महीने में कंपनी ने भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के इंस्ट्रूमेंट्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (IRDE) से करीब 61.43 करोड़ रुपयेका ऑर्डर मिलने की जानकारी थी। यह ऑर्डर ऑप्ट्रॉनिक पेरिस्कोप साइट को अपग्रेड करने और उसमें ESM वार्नर जैसे फीचर लैस करने के लिए दिए थे, जिनका इस्तेमाल भारतीय नौसेना अपनी पनडुब्बी से जुड़े अभियानों में करती है।
पारस डिफेंस का शेयर दोपहर 2 बजे के करीब, एनएसई पर अपनी 10 फीसदी की अपर सर्किट सीमा 1,066 रुपये पर लॉक थे। पिछले एक साल में यह डिफेंस शेयर अपने निवेशकों को करीब 39 फीसदी का रिटर्न दे चुका है