Chemical sector : पिछले कुछ दिनों से केमिकल सेक्टर में रौनक दिख रही है। केमिकल शेयरों में तेजी का चीन से गहरा कनेक्शन है। दरअसल चीन में HMP वायरस के आउटब्रेक के चलते कई केमिकल्स के सप्लाई चेन पर असर पड़ा है। इसका घरेलू केमिकल कंपनियों पर क्या असर होगा? निवेशकों को किन केमिकल कंपनियों पर फोकस करना चाहिए? इसी पर चर्चा करते हुए अजय जोशी केमिकल्स के फाउंडर अजय जोशी ने कहा कि चीन में नए साल में केमिकल के दाम बढ़े हैं। केमिकल्स की डिलीवरी में देरी से भी दाम को सपोर्ट मिला है। चीन में लिथियम प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी पर बैन लगाया गया है। पाम ऑयल की कीमतें घटकर अब स्थिर हुई हैं। पाम ऑयल की कीमतें घटने से पर्सनल केयर केमिकल कंपनियों का फायदा होगा।
सरकार के एंटी डंपिंग ड्यूटी से कंपनियों को फायदा
एग्रोकेमिकल कंपनियों के तीमाही नतीजे अच्छे रह सकते हैं। UPL और PI इंडस्ट्रीज जैसी बड़ी कंपनियों की एक्सपोर्ट डिमांड कम है। ऐसे में बड़ी कंपनियों के एक्सपोर्ट बिक्री और मार्जिन पर दबाव संभव है। सरकार के एंटी डंपिंग ड्यूटी से कंपनियों को फायदा होगा। एंटी डंपिंग ड्यूटी से NOCIL, अदाणी और दीपक नाइट्राइट को फायदा होगा।
एक हफ्ते में केमिकल में तेजी
पिछले एक हफ्ते में केमिकल में आई तेजी पर नजर डालें तो नवीन फ्लूरीन में इस अवधि में 7.5 फीसदी की तेजी आई है। कैमलिन फाइन 7 फीसदी भागा है। SRF में भी 4 फीसदी की तेजी आई है। GHCL 1 हफ्ते में 3 फीसदी भागा है। क्लीन साइंस में भी 3 फीसदी की तेजी आई है। आगे हमें आरती इंड, गोदरेज इंड, एस्टेक, हिकल और जुबिलेंट इंग्रेविया में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है।
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