Union Budget 2025: यूनियन बजट 2025 से हर सेक्टर को बड़ी उम्मीदें हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को बजट पेश करेंगी। यानी, बजट पेश होने में चार हफ्ते से भी कम सयम बचा है। मोदी सरकार के तीसरे टर्म के पहले पूर्ण बजट से इंश्योरेंस सेक्टर को काफी उम्मीद है। सरकार का फोकस ज्यादा से ज्यादा लोगों को इंश्योरेंस कवर दिलाने पर है। बजट से पहले कोरोना की ही तरह नया वायरस HMPV आने से इंश्योरेंस और हेल्थ सेक्टर की डिमांड पहले से ज्यादा बढ़ गई है। इस बार बजट में कुछ अहम घोषणाएं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण कर सकती हैं।
टैक्स छूट बढ़ाने की जरूरत
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने में लोगों की सबसे बड़ी दिलचस्पी टैक्स बचाने के कारणों पर होती है। अभी इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है। इस लिमिट में पीपीएफ, बच्चों की ट्यूशन फीस जैसी चीजें भी शामिल होती हैं, जिससे इंश्योरेंस के लिए जगह नहीं बचती। अगर इंश्योरेंस के लिए अलग से टैक्स छूट का प्रावधान किया जाए, तो ज्यादा लोग टर्म इंश्योरेंस खरीदने के लिए प्रेरित होंगे। टर्म इंश्योरेंस सस्ती प्रीमियम दरों के साथ अच्छा सुरक्षा विकल्प माना जाता है।
इंश्योरेंस सेक्टर पर जीएसटी दरों में कमी की जाए
इंश्योरेंस पॉलिसी पर फिलहाल 18% जीएसटी लगता है, जिससे ये महंगी हो जाती हैं। इंश्योरेंस सेक्टर की मांग है कि इसे घटाकर 5% किया जाए। इससे प्रीमियम कम होगा और इंश्योरेंस पहले की तुलना में सस्ता होगा। ऐसे में ज्यादा लोग इंश्योरेंस ले सकेंगे। पेंशन प्रोडक्ट्स के लिए ऐसे नियम बनाने की जरूरत है, जैसे नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के लिए हैं। साथ ही, एन्युटी इनकम पर टैक्स छूट दी जानी चाहिए, जिससे लोग रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए ज्यादा प्रेरित हों।
इंश्योरेंस सेक्टर की उम्मीदें
सरकार अगर इंश्योरेंस पॉलिसी को सस्ता और टैक्स-फ्रेंडली बनाती है, तो इससे देश में इंश्योरेंस की पहुंच बढ़ेगी। IRDA के विजन 2047 के तहत हर नागरिक को इंश्योरेंस कवर देना है। बजट 2025 से सेक्टर को ऐसे फैसलों की उम्मीद है, जो इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेंगे। अब देखना होगा कि सरकार बजट में क्या घोषणाएं इंश्योरेंस और हेल्थ सेक्टर के लिए करेंगी। ताकि, आम लोगों खासकर मिडिल क्लास को फायदा हो सके।