दिग्गज FMCG कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) जयपुर स्थित स्किनकेयर स्टार्टअप मिनिमलिस्ट (Minimalist) को खरीद सकती है। बातचीत 3,000 करोड़ रुपये (35 करोड़ डॉलर) के सौदे के करीब पहुंच चुकी है। यह बात मनीकंट्रोल को मामले की जानकारी रखने वालों से पता चली है। अगर यह सौदा हो जाता है, तो मिनिमलिस्ट की वैल्यूएशन लगभग 3 वर्षों की अवधि में करीब 630 करोड़ रुपये (लगभग 7.5 करोड़ डॉलर) से बढ़कर 3,000 करोड़ रुपये (35 करोड़ डॉलर) हो जाएगी। स्टार्टअप में पीक XV पार्टनर्स का भी पैसा लगा है।
यह सौदा हाल के वर्षों में डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) स्पेस में हुए सबसे बड़े सौदों में से एक होगा, खासकर स्किनकेयर इंडस्ट्री में। HUL के प्रवक्ता ने मनीकंट्रोल के सवालों के जवाब में कहा: “हमारी बिजनेस स्ट्रैटेजी के अनुरूप हम निरंतर आधार पर अपने बिजनेस की ग्रोथ और विस्तार के लिए विभिन्न रणनीतिक अवसरों को आंकते हैं। जब भी कोई ऐसा बड़ा डेवलपमेंट होगा, जिसके लिए लागू कानूनों के तहत डिस्क्लोजर की जरूरत हो, हम उचित डिस्क्लोजर करेंगे।”
4 साल से मुनाफे में है Minimalist
मिनिमलिस्ट के फाउंडर मोहित यादव और राहुल यादव हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में मिनिमलिस्ट ने 350 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया, जो वित्त वर्ष 2023 में दर्ज 184 करोड़ रुपये के रेवेन्यू से 89 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2024 में स्टार्टअप का मुनाफा दोगुना होकर 11 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 5 करोड़ रुपये था। आंकड़ों से पता चला है कि मिनिमलिस्ट कम से कम 4 साल से मुनाफे में है।
मिनिमलिस्ट ने लगभग 3 साल पहले यूनिलीवर की वेंचर इनवेस्टिंग आर्म यूनिलीवर वेंचर्स से 110 करोड़ रुपये (1.5 करोड़ डॉलर) जुटाए थे। ब्रिटिश कंपनी यूनिलीवर भारत में HUL का भी संचालन करती है।
नए जमाने की कंपनियों को अपने साथ जोड़ रही हैं FMCG कंपनियां
HUL और मिनिमलिस्ट के बीच सौदा ऐसे समय में होने जा रहा है, जब FMCG सेक्टर की दिग्गज कंपनियां नए जमाने की कंपनियों को अपने साथ जोड़ रही हैं। जहां एक ओर यह बड़े समूहों को युवा कस्टमर बेस का लाभ उठाने में मदद करता है, वहीं दूसरी ओर यह स्टार्टअप्स को FMCG कंपनियों द्वारा क्रिएट किए गए नेटवर्क का फायदा उठाकर तेजी से आगे बढ़ने में मदद करता है। सिर्फ HUL ही नहीं, Marico, ITC, Dabur जैसी दूसरी FMCG कंपनियां भी Beardo, Plix, Yogabar और कई अन्य जैसे नए जमाने के ब्रांड्स को अपने साथ जोड़ रही हैं और अपने डिजिटल कारोबार को बढ़ा रही हैं।
हालांकि, ये सौदे बड़ी FMCG कंपनियों के लिए रणनीतिक निवेश हैं, लेकिन बदले में उन्हें मिलने वाली तकनीकी क्षमताओं और ग्राहक डेटाबेस की बदौलत, ये कई मामलों में D2C स्टार्टअप्स के लिए बेहद सस्ती बिक्री साबित हुए हैं। इसकी वजह है कि स्टार्टअप फाउंडर अपने कारोबार को एक सीमा से आगे नहीं बढ़ा पाए और ऐसे कारोबार भारी छूट पर उपलब्ध हो गए। हालांकि, मिनिमलिस्ट एक दुर्लभ अपवाद की तरह लगता है।