कौन-कौन से बैंक टॉप गियर में?
Jefferies ने कई बैंकों की रेटिंग और टारगेट प्राइस में बदलाव किया है। आइए, जानते हैं किसे फायदा हुआ और कौन थोड़ी सुस्ती में है:
- Kotak Mahindra Bank: अब ‘Buy’ की लिस्ट में, टारगेट प्राइस ₹2,120 (पहले ₹2,080)
- HDFC Bank: रफ्तार बढ़ी, नया टारगेट प्राइस ₹2,120 (पहले ₹2,020)
- Axis Bank: थोड़ा बैकफुट पर, नया टारगेट ₹1,430 (पहले ₹1,500)
- ICICI Bank: शानदार प्रदर्शन, टारगेट बढ़कर ₹1,600 (पहले ₹1,550)
- IndusInd Bank: हल्की गिरावट, नया टारगेट ₹1,200 (पहले ₹1,470)
- SBI (भारतीय स्टेट बैंक): थोड़ा नीचे, टारगेट ₹970 (पहले ₹1,030)
- Bank of Baroda: अब ‘Hold’ की कैटेगरी में, टारगेट ₹270 (पहले ₹310)
- Punjab National Bank: टारगेट घटकर ₹125 (पहले ₹135)
2025 में RBI से क्या उम्मीदें?
Jefferies को लगता है कि RBI अगले साल की पहली छमाही में ब्याज दरें 50bps (बेसिस प्वाइंट) तक कम कर सकता है। यह कदम इसलिए अहम है क्योंकि:
- अनसिक्योर्ड लोन की ग्रोथ 19% से घटकर 15% हो गई है।
- NBFCs को दिए जाने वाले बैंक लोन की रफ्तार भी धीमी हो गई है।
- GDP ग्रोथ 8% (FY24) से घटकर 5% (Q2FY25) हो गई है।
- RBI ने पहले ही CRR (कैश रिजर्व रेश्यो) को घटाकर 4% कर दिया है, जो कोविड-पूर्व स्तर है। यह दिखाता है कि RBI अब ज्यादा सख्ती से बच रहा है।
ब्याज दर कटौती का बैंकों पर क्या असर?
ब्याज दर घटने से बैंकों के NIM (Net Interest Margin) पर थोड़ा दबाव आ सकता है। Jefferies के मुताबिक, 10bps कम NIM से PSU बैंकों की आय पर 8% तक असर पड़ सकता है। हालांकि, FY26 तक यह दबाव कम होने और आय में सुधार की उम्मीद है।
छोटे बैंकों और SME लोन का क्या होगा?
SME लोन और MFI (Microfinance Institutions) सेक्टर पर नजर रखना जरूरी है। MFI सेक्टर में दबाव जारी रह सकता है, जिससे छोटे बैंकों की ग्रोथ थोड़ी धीमी हो सकती है।
भविष्य की तैयारी
FY26 की दूसरी छमाही में GDP ग्रोथ में तेजी आ सकती है। बैंकों का फोकस ऑपरेशनल खर्च घटाने और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने पर रहेगा। Jefferies को लगता है कि बैंकों के लिए यह वक्त अपनी रणनीति मजबूत करने और निवेश बढ़ाने का हो सकता है। तो 2025, सस्ते कर्ज और नई उम्मीदों का साल हो सकता है।