2024 भारत के लिए IPO के मामले में ऐतिहासिक साल साबित हुआ। Pantomath Group की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने इस साल अमेरिका से दोगुने और यूरोप से ढाई गुना ज्यादा IPO लॉन्च किए। पूरे साल में 76 कंपनियों ने IPO के जरिए ₹1.3 लाख करोड़ जुटाए। लेकिन 2025 में IPO में पैसा लगाने वाले निवेशकों को मौके और जोखिम, दोनों का ध्यान रखना होगा।
IPO का खेल: कहां छिपे हैं जोखिम?
2024 में IPO ने जमकर सुर्खियां बटोरीं। 92 IPO में से 72 को ₹10,000 करोड़ से ज्यादा की सब्सक्रिप्शन मिली। लेकिन ये भारी मांग खुदरा निवेशकों के लिए मुसीबत भी बनी। कई IPO महंगे वैल्यूएशन पर लॉन्च हुए, जिससे निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा। IPO में केवल तीन साल की फाइनेंशियल जानकारी उपलब्ध होती है, जिससे कंपनी के लंबे ट्रैक रिकॉर्ड और विभिन्न बिजनेस साइकल में उसके प्रदर्शन का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है। खासकर SME के IPO में प्रमोटर्स के बैकग्राउंड की जानकारी की कमी निवेशकों के लिए जोखिम को और बढ़ा देती है।
इसके अलावा, IPO में बाजार की धारणा एक बड़ा रोल निभाती है, लेकिन यह अक्सर अनिश्चित रहती है। जब कंपनी का प्रॉस्पेक्टस फाइल होता है और IPO लॉन्च तक पहुंचता है, इस बीच बाजार का मूड बदल सकता है। अगर बाजार का सेंटिमेंट खराब हो जाए, तो यह किसी अच्छी कंपनी के IPO को भी ठंडी प्रतिक्रिया दिला सकता है। लेकिन, मजेदार बात यह है कि यह नुकसान सिर्फ लिस्टिंग गेन के पीछे भागने वालों को होता है। जो लोग लंबे समय के लिए निवेश करते हैं, उनके लिए यह फायदेमंद साबित हो सकता है। अगर बाजार का माहौल खराब हो, तो प्रमोटर्स IPO का प्राइस घटा सकते हैं, जिससे आपको बेहतर कीमत पर शेयर खरीदने का मौका मिल सकता है। साथ ही, ज्यादा शेयर आवंटित होने की संभावना भी बढ़ जाती है। यानी, अगर आप धैर्य रखते हैं तो ऐसे मौके आपके लिए वरदान बन सकते हैं।
वहीं बात करें पुरानी लिस्टेड कंपनियों की, तो इन कंपनियों में निवेश का एक बड़ा फायदा यह है कि आप उनके प्रदर्शन को अलग-अलग बिजनेस साइकल में परख सकते हैं। लेकिन SME IPO में यह मौका नहीं मिलता। यहां आपको सिर्फ हालिया फाइनेंशियल आंकड़े मिलते हैं, जिससे कंपनी की असली ताकत का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है। मार्केट एक्सपर्ट और फाइनेंशियल लिटरेसी वेंचर Sense and Simplicity के CEO सुनील सुब्रमण्यम का कहना है, “प्रमोटर्स की सही जानकारी न होने से निवेशक फंस सकते हैं। इसलिए, सतर्क रहना जरूरी है।”
IPO में कब लगाएं दांव? जानिए सही समय और सही संकेत
IPO में निवेश करना लंबी अवधि के निवेशकों के लिए बड़ा मौका हो सकता है, लेकिन हर IPO पैसा बनाने का जरिया नहीं होता। सही वक्त पर सही फैसला लेना जरूरी है। तो, आइए जानते हैं कि कब IPO में निवेश करना समझदारी भरा कदम हो सकता है।
अगर कंपनी का बिजनेस मॉडल नया हो और उसका कोई मुकाबला करने वाला पहले से बाजार में न हो, तो यह आपके पोर्टफोलियो में एक अनोखा टच जोड़ सकता है। नए और अलग बिजनेस में निवेश करना उस ट्रेन में चढ़ने जैसा है जो सही वक्त पर प्लेटफॉर्म छोड़ रही है।
अब बात करते हैं मजबूत फंडामेंटल्स की। अगर कंपनी ने अपने ट्रैक रिकॉर्ड में बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया है, भविष्य में ग्रोथ की ठोस संभावना है, और मुनाफा नए निवेशकों के साथ बांटने की क्षमता रखती है, तो बिना झिझक निवेश करें। जैसा कि सेबी-रजिस्टर्ड कैटेगरी वन मर्चेंट बैंक Resurfent India के मैनेजिंग डायरेक्टर ज्योति प्रकाश गाडिया कहते हैं, “ऐसी कंपनियां लंबे समय तक निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित होती हैं।”
किसी कंपनी का प्रॉमिसिंग इंडस्ट्री में काम करना भी एक बड़ा प्लस पॉइंट है। लेकिन ध्यान रखें, IPO का पैसा बिजनेस विस्तार के लिए इस्तेमाल होना चाहिए, न कि प्रमोटर्स को बाहर निकलने का रास्ता देने के लिए। अगर प्रमोटर्स पैसा निकालने पर जोर दे रहे हैं, तो यह चिंता का संकेत है। सुनील सुब्रमण्यम इसे साफ शब्दों में कहते हैं, “अगर प्रमोटर्स खुद भरोसे में नहीं हैं, तो आप कैसे हो सकते हैं?”
और सबसे अहम, कंपनी के प्रमोटर्स का अनुभव और बाजार की परिस्थितियां भी बहुत मायने रखती हैं। अगर इन दोनों में पॉजिटिविटी है, तो IPO में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है।
IPO में निवेश का खेल: इन गलतियों से बचें, वरना पछताएंगे!
IPO में निवेश आपको जल्दी मुनाफा दे सकता है, लेकिन जल्दबाजी और गलतियां आपके लिए बड़ा नुकसान भी लेकर आ सकती हैं। तो, आइए जानते हैं कि IPO में निवेश करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन गलतियों से बचना चाहिए।
1. हाइप के जाल में न फंसें
कई बार प्रमोटर्स IPO को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं, जैसे “आपका पैसा जल्दी डबल हो जाएगा” या “यह कंपनी मार्केट में तहलका मचा देगी।” इनसे सावधान रहें। ज्योति प्रकाश गाडिया कहते हैं, “कुछ प्रमोटर्स गलत वादे करते हैं और निवेशकों को फंसा लेते हैं। ऐसी झूठी कहानियों से बचें और अपनी मेहनत की कमाई को समझदारी से लगाएं।”
2. बिना रिसर्च पैसा न लगाएं
IPO में निवेश से पहले कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति और वैल्यूएशन को समझना जरूरी है। Tradejini के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर त्रिवेश कहते हैं, “कंपनी के फंडामेंटल्स को जानें और यह जांचें कि वैल्यूएशन बहुत ज्यादा तो नहीं है। गलत वैल्यूएशन पर निवेश करने से नुकसान हो सकता है।”
साथ ही, अपने पोर्टफोलियो का संतुलन बनाए रखें। IPO में जरूरत से ज्यादा पैसा लगाना जोखिम भरा हो सकता है।
3. साइक्लिकल सेक्टर से सतर्क रहें
अगर कंपनी साइक्लिकल सेक्टर में है, तो थोड़ा संभलकर निवेश करें। सुनील सुब्रमण्यम कहते हैं, “प्रमोटर्स अक्सर अच्छे समय का फायदा उठाकर ऊंचे वैल्यूएशन पर शेयर बेचते हैं। लेकिन जैसे ही साइकिल गिरती है, कंपनी का प्रदर्शन भी गिरने लगता है, और नुकसान निवेशकों को उठाना पड़ता है।”
4. बुलिश मार्केट में शांत रहें
जब बाजार तेजी पर हो और हर IPO की चर्चा हो रही हो, तो अपने कदम सोच-समझकर उठाएं। सुब्रमण्यम का कहना है, “बाजार के चक्र चलते रहते हैं। कई बार अच्छी कंपनियों के शेयर बाद में सेकेंडरी मार्केट में सस्ते में मिल जाते हैं।”
5. सिर्फ लिस्टिंग गेन के पीछे न भागें
लिस्टिंग गेन की कोई गारंटी नहीं होती। अगर आपकी उम्मीदें पूरी नहीं होतीं, तो आपका पैसा फंस सकता है। त्रिवेश डी कहते हैं, “सिर्फ लिस्टिंग गेन के लिए IPO में पैसा लगाना समझदारी नहीं है।”