Wipro Shares: आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी विप्रो को कुछ समय पहले ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने डबल अपग्रेड किया था लेकिन अब छह महीने में ही ब्रोकरेज का मूड बदल गया। अब ब्रोकरेज ने इसे डाउनग्रेड कर दिया है। सीएलएसए ने इसकी रेटिंग को आउटपरफॉर्म से घटाकर होल्ड कर दी है। हालांकि टारगेट प्राइस में कोई बदलाव नहीं किया है और अभी भी इसके शेयरों के लिए टारगेट प्राइस 303 रुपये है। शेयरों की बात करें तो 1 जनवरी 2025 को बीएसई पर यह 0.56 फीसदी की गिरावट के साथ 300.30 रुपये के भाव पर बंद हुआ था।
CLSA ने क्यों घटाई Wipro की रेटिंग
सीएलएसए का कहना है कि शेयरों की तेजी के चलते ही विप्रो को डाउनग्रेड किया जा रहा है। इसके शेयर एक महीने में 3 फीसदी और 1 जुलाई को डबल अपग्रेड होने के बाद से 14 फीसदी ऊपर चढ़ चुके हैं। इसके अलावा ब्रोकरेज का मानना है कि दिसंबर तिमाही विप्रो के लिए सुस्त रह सकती है क्योंकि तिमाही आधार पर कॉन्स्टैंट करेंसी ग्रोथ फ्लैट रह सकती है।
सीएलएसए का कहना है कि अब इसकी रेटिंग फिर से तभी होगी, जब यह लॉर्जकैप की बड़ी आईटी कंपनियों के साथ आगे बढ़ना शुरू करती है। हालांकि अभी इसकी ग्रोथ को लेकर अभी पक्के तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है। कंपनी दिसंबर तिमाही के नतीजे कब जारी करेगी, इसकी तारीख अभी बताई नहीं है। ओवरऑल बात करें तो इसे कवर करने वाले 45 एनालिस्ट्स में से 25 ने इसे बेचने की सलाह दी है जबकि सिर्फ नौ ने ही इसे खरीदने की सलाह दी है। बाकी 11 एनालिस्ट्स ने इसे होल्डिगं रेटिंग दी है।
एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल?
विप्रो के शेयरों ने छह ही महीने में निवेशकों का पैसा 53 फीसदी से अधिक बढ़ा दिया था। पिछले साल 4 जून 2024 को यह 208.40 रुपये पर था जो इसके शेयरों के लिए एक साल का निचला स्तर है। इस निचले स्तर से 6 ही महीने में यह 53.53 फीसदी उछलकर पिछले महीने 20 दिसंबर 2024 को 319.95 रुपये के भाव पर पहुंच गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई है। हालांकि शेयरों की तेजी यहीं थम गई और फिलहाल इस हाई से यह 6 फीसदी से अधिक डाउनसाइड है।
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