अगर आप नए साल यानी 2025 में अपने निवेश की शुरुआत करने का प्लान बना रहे हैं, तो निवेश का सफर शुरू करने से पहले दो चीजों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए। समय और निवेश पर मिलने वाला रिटर्न । जितने ज्यादा से ज्यादा समय के लिए आप निवेश करेंगे, उतना ही ज्यादा रिटर्न आपको मिलेगा।
आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप अपने लक्ष्यों को कम से कम जोखिम के साथ पूरा करेंगे। आपको उस रकम को ध्यान में रखकर योजना बनानी होगी, जो आप निवेश के माध्यम से भविष्य में पाना चाहते हैं। यहां हम निवेश के गणित के कुछ ऐसे शानदार टिप्स बता रहे हैं, जिससे आपके लिए चीजें काफी स्पष्ट और आसान हो जाएंगी।
50-20-30 नियम यह नियम उतना ही स्पष्ट है, जितना इसके नंबर। आपको अपनी रकम को तीन हिस्सों में बांटना होगा। टैक्स के बाद 50% सैलरी को घरेलू खर्चों के लिए रखना होगा। 20% को थोड़े-थोड़े समय पर पड़ने वाली जरूरतों के लिए रखना होगा और 30% का निवेश भविष्य में पड़ने वाली जरूरतों के लिए रखना होगा।
15-15-15 नियम ये नियम उनके लिए है, जो लंबी अवधि के निवेश में विश्वास करते हैं। इसमें 15 हजार रुपए हर महीने ऐसे एसेट में 15 साल तक निवेश करने होते हैं, जो सालाना 15% का रिटर्न दे। इक्विटी में किया गया निवेश इसके लिए उपयुक्त है। क्योंकि स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव के बावजूद शेयर बाजार ने हमेशा लंबी अवधि में 15% रिटर्न देना सुनिश्चित किया है।
72 का नियम यह नियम पैसे को दोगुना करने में लगने वाला समय बताता है। संभावित रिटर्न या ब्याज दर से 72 को भाग दें और देखें। एसआईपी में निवेश पर आपको 15% रिटर्न मिलता है, तो इसे डबल करने में लगने वाले समय को निकालने के लिए 72 को 15 से भाग दे सकते हैं, जो 4.8 साल के बराबर होगा।
114 का नियम यह नियम रकम तिगुना करने में लगने वाले समय का हिसाब देता है। 114 को आप संभावित ब्याज दर से भाग देकर ये समय निकाल सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर निवेश से आपको सालाना 15% रिटर्न मिलता है तो 114 को 15 से भाग दीजिए, जो 7.6 साल के बराबर है।
100 माइनस उम्र यह संपत्ति का आवंटन करने के संबंध में हैं। 100 में से अपनी उम्र को घटा दीजिए। जो नंबर आपको मिलेगा, वह प्रतिशत होगा, जिसका आपको शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए। यह नियम इस पर आधारित है कि जितनी कम आपकी उम्र होगी, आपके जोखिम लेने की क्षमता उतनी ज्यादा होगी। इस अवधि में आपको जो घाटा होगा, आप उसकी भरपाई भी कर पाएंगे।