Share Market down: शेयर बाजार में साल के आखिरी दिन भी गिरावट जारी रही। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में करीब 700 अंक टूट गया। वहीं निफ्टी लगभग 180 अंकों का गोता लगाकर 23,500 के नीचे चला गया। सबसे अधिक गिरावट आईटी शेयरों में देखने को मिली। इसके चलते आज शुरुआती एक घंटे में ही शेयर बाजार के निवेशकों के करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये डूब गए। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप घटकर 437.82 लाख करोड़ रुपये पर आ गया, जो सोमवार 30 दिसंबर को 441.35 लाख करोड़ रुपये था।
ब्रॉडर मार्केट में भी जमकर बिकवाली देखने को मिली। सुबह 10.20 बजे के करीब बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.81 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स 0.38 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए थे। कैपिटल गुड्स को छोड़कर BSE के सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। आईटी इंडेक्स तो ढाई फीसदी से भी अधिक लुढ़क गया था।
शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे ये 3 कारण अहम रहे-
1. विदेशी निवेशकों की बिकवाली
मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे सबसे मुख्य वजह विदेशी निवेशकों (FIIs) की ओर से बिकवाली है। विदेशी निवेशकों पिछले 2 हफ्तों से लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने 15,000 करोड़ रुपये से भी अधिक की बिकवाली की है। मोतीलाल ओसवाल में टेक्निकल रिसर्च के वाइस-प्रेसिडेंट, रूचित जैन ने बताया, ” FII ने शॉर्ट साइड पर पोजीशन रोलओवर की है, जिसके चलते बिकवाली देखने को मिली है। मौजूदा डेरिवेटिव सीरीज में, उन्होंने केवल 14 प्रतिशत के लॉन्ग-शॉर्ट रेशियो के साथ शुरुआत की है, जो उनके बेयरिश रुख को दिखाता है।”
2. कमजोर ग्लोबल संकेत
एशिया-पैसिफिक इलाके में आने वाले अधिकतर देशों के शेयर बाजार मंगलवार को नए साल की पूर्व संध्या की छुट्टी के कारण बंद रहे। वहीं ऑस्ट्रेलियाई बाजार साल के अंतिम कारोबारी दिन गिरावट के साथ खुले। संक्षिप्त कारोबारी दिन पर S&P/ASX 200 में 0.56% की गिरावट दर्ज की गई। जापान और दक्षिण कोरिया के बाजार छुट्टी के कारण बंद थे, जबकि हांगकांग में कुछ समय के लिए कारोबारी सत्र रहा। इस बीच, मंगलवार को चीन की नवंबर फैक्ट्री गतिविधियों में ग्रोथ एनालिस्ट्स के अनुमानों से कमजोर रही। वहीं इससे पहले सोमवार को अमेरिकी शेयर बाजार भी कमजोरी के साथ बंद हुए थे। इसके चलते भी निवेशकों का सेंटीमेंट कमजोर रहा।
3. डॉलर इंडेक्स में मजबूती
रूचित जैन ने बताया कि डॉलर इंडेक्स का 108 के आसपास मंडराना चिंता का विषय बना हुआ है। ऐतिहासिक रूप से, यह स्तर रेजिस्टेंज के रूप में काम करता रहा है, लेकिन इससे ऊपर कोई भी उछाल भारत सहित तमाम इमर्जिंग देशों के मार्केट्स पर नकारात्मक असर डाल सकती है।
नए साल में कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल?
2025 की शुरुआत में शेयर बाजार की चाल तिमाही नतीजों और बजट घोषणाओं पर निर्भर रहने की संभावना है। एनालिस्ट्स का मानना है कि देश की इकोनॉमी बुनियादी रूप से मजबूत बनी हुई है, बाजार की दिशा के लिए सबसे अहम फैक्टर्स तिमाही नतीजे होंगे। ब्रॉडर मार्केट में भी तब तक दबाव जारी रहने की उम्मीद है जब तक कि रुझान में बदलाव नहीं दिखता।
टेक्निकल सेटअप
एंजल वन के टेक्निकल एंड डेरिवेटव रिसर्च हेड, समीत चावा ने बताया, “निफ्टी के लिए 23,600-23,500 का स्तर खासतौर से अहम है, जो एक अहम सपोर्ट जोन के रूप में काम करता है। यहां संभावित रूप से खरीदारी की रुचि उभर सकती है। दूसरी ओर, 23,800-23,850 का जोन इंडेक्स के लिए एक मजबूत रेजिस्टेंस जोन पेश करता है। क्लोजिंग बेसिस पर अगर इंडेक्स इस स्तर को पार कर बंद होता है, तभी हमें ऊपर की ओर एक रूझान देखने को मिल सकता है।”
उन्होंने कहा, “बाजार में स्पष्ट ट्रेंज के आधार पर तेजी के लिए इस स्तर पर पर निर्णायक सफलता बहुत जरूरी है। जब तक ऐा कुछ देखने को नहीं मिलता है, तब तक ट्रेडिंग गतिविधियों में सतर्क रहना ही समझदारी है।”
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