Easy Trip Planners Shares: ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसी ईजमायट्रिप (EaseMyTrip) की पैरेंट कंपनी ईजी ट्रिप प्लानर्स के शेयर आज धड़ाम से गिर गए। एक ब्लॉक डील पर इसके शेयर धड़ाम से गिर गए और करीब 10 फीसदी टूट गए। को-फाउंडर और प्रमोटर निशांत पिट्टी अपनी होल्डिंग बेच रहे हैं, इस खुलासे ने शेयरों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दिया। निचले स्तर पर खरीदारी तो हो रही है लेकिन शेयरों को अधिक सपोर्ट नहीं मिल पा रहा है। फिलहाल बीएसई पर यह 8.80 फीसदी की गिरावट के साथ 15.55 रुपये के भाव पर है। इंट्रा-डे में यह 9.91 फीसदी फिसलकर 15.36 रुपये के भाव तक आ गया था।
Easy Trip Planners में अब निशांत पिट्टी की कितनी हिस्सेदारी?
CNBC-TV18 को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक ईजी ट्रिप प्लानर्स के को-फाउंडर और प्रमोटर निशांत पिट्टी आज ब्लॉक डील के जरिए अपनी बाकी 14.21% हिस्सेदारी बेची है। रिपोर्ट के मुताबिक यह सौदा 15.6 रुपये प्रति शेयर के औसत भाव पर करीब 780 करोड़ रुपये में हुआ। 2 दिसंबर 2024 तक निशांत पिट्टी के पास कंपनी में 14.21% हिस्सेदारी थी। इसने ही शेयरों पर दबाव बनाया। रिपोर्ट के मुताबिक ब्लॉक डील के जरिए क्राफ्ट एमर्जिंक मार्केट फंड पीसीसी-एलाइट कैपिटल फंड, मल्टीट्यूड ग्रोथ फंड्स, क्राफ्ट एमर्जिंग मार्केट फंड पीसीसी- सिटाडेल कैपिटल फंड, नेक्सपैक्ट और एमिनेंस ग्लोबल फंड ने हिस्सेदारी खरीदी। इससे पहले 25 सितंबर को निशांत ने 920 करोड़ रुपये में 14 फीसदी हिस्सेदारी बेची थी। पिछले साल जून 2023 में भी उन्होंने इसके शेयर बेचे थे।
एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल?
ईजी ट्रिप प्लानर्स के शेयर 8 फरवरी 2024 को 27 रुपये पर थे जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई लेवल है। शेयरों की यह तेजी यहीं थम गई और इस हाई लेवल से करीब 9 महीने में यह 89 फीसदी से अधिक फिसलकर 23 अक्टूबर 2024 को 14.23 रुपये के भाव पर आ गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है। निचले स्तर पर शेयर संभले और खरीदारी के दम पर 27 फीसदी से अधिक रिकवर हुए लेकिन अब भी एक साल के हाई से यह 41 फीसदी से अधिक डाउनसाइड है।
EaseMyTrip की पैरेंट कंपनी की कैसी है कारोबारी सेहत
सितंबर तिमाही ईजमायट्रिप की पैरेंट कंपनी ईजी ट्रिप प्लानर्स के लिए कुछ खास नहीं रही। इसका शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 45.16 फीसदी गिरकर 25.87 करोड़ रुपये पर आ गया। हालांकि रेवेन्यू इस दौरान 2.1 फीसदी उछलकर 144.67 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। ऑपरेटिंग प्रॉफिट इस दौरान 67.65 करोड़ रुपये से गिरकर 42.29 करोड़ रुपये पर आ गया और मार्जिन भी 46.8 फीसदी से फिसलकर 28.2 फीसदी पर आ गया।