नई दिल्ली: इस साल शेयर मार्केट में जबरदस्त गिरावट रही। ऐसे कई मौके आए जब सेंसेक्स 1000 अंक से ज्यादा गिरा। मार्केट में गिरावट का सबसे बड़ा कारण विदेशी निवेशकों (FPI) की निकासी रही। इस साल विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर मार्केट से 1,20,598 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इन विदेशी निवेशकों ने इस रकम को चीन की शेयर मार्केट में लगाया। दस साल में ऐसा दूसरी बार हुआ है जब विदेशी निवेशकों ने इतनी बड़ी मात्रा में भारतीय शेयर मार्केट से रकम निकाली है।चीन की तरफ रुख करने का सबसे बड़ा कारण चीनी सरकार का आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज रहा। चीन ने अपनी धीमी होती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कई बार प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी। इससे विदेशी निवेशकों का चीन की अर्थव्यवस्था में विश्वास बढ़ा और उन्होंने भारतीय शेयर मार्केट से पैसा निकालकर चीन की मार्केट में लगा दिया।
ये कारण भी रहे निकासी के
चीन के प्रोत्साहन पैकेज के अलावा और भी कारणों से विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर मार्केट से पैसा निकाला। इनमें भारतीय शेयर मार्केट की हाई वैल्यूएशन, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि और दूसरी तिमाही की आय में कमी प्रमुख कारण रहे।
कब तक चलेगा ऐसा?
इकॉनमिक टाइम्स के अनुसार विश्लेषकों का कहना है कि विदेशी निवेशक भारत को लेकर तब तक सतर्क रहेंगे जब तक डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर स्पष्टता नहीं आ जाती। साथ ही तीसरी तिमाही की आय में सुधार नहीं हो जाता। हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि 2025 की दूसरी छमाही में विदेशी निवेश वापस आ जाएगा।
कब कितनी हुई बिकवाली?
NSDL के अनुसार एक दशक यानी पिछले 10 साल में यह दूसरी बार है जब विदेशी निवेशकों ने इसकी बड़ी मात्रा में शेयर मार्केट से रकम निकाली है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 2024 में सेकेंडरी मार्केट में 1,20,598.42 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वहीं साल 2022 में इन निवेशकों ने 1,50,250.17 करोड़ रुपये निकाले थे।
घरेलू निवेशकों ने संभाली कुछ स्थिति
एक तरफ जहां विदेशी निवेशकों ने बड़ी मात्रा में पैसा निकाला तो वहीं घरेलू निवेशकों ने बड़ी रकम निवेश की। एक्सिस सिक्योरिटीज के फंडामेंटल और क्वांटिटेटिव रिसर्च के प्रमुख नीरज चड्डावर ने कहा कि साल 2024 में घरेलू निवेशकों ने 60 बिलियन डॉलर (करीब 5.13 लाख करोड़ रुपये) से अधिक का निवेश किया, जिससे बाजारों में तेजी आई।