अल्पावधि में विश्लेषक आम तौर पर मजबूत मानी जाने वाली वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के प्रदर्शन और वित्त वर्ष 2025 के लिए अनुमानों पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे। सुमंत कुमार की अगुआ में मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के विश्लेषकों का मानना है कि यह क्षेत्र तीसरी तिमाही में माइस (बैठकों, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस और प्रदर्शनी) में मजबूत गतिविधियों की मदद से तीसरी तिमाही में वृद्धि दर्ज करेगा। इस क्षेत्र को शादियों के मजबूत सीजन (तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 33 फीसदी ज्यादा लग्न की तारीखें) से भी मदद मिलेगी।
ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि प्रमुख हॉस्पिटैलिटी कंपनियां तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 10-12 फीसदी की रेवपार (राजस्व प्रति उपलब्ध कमरा) वृद्धि दर्ज करेंगी क्योंकि उन्हें मुख्य रूप से औसत कमरा दरों में वृद्धि का फायदा मिलेगा। औसत कमरा दरें सालाना आधार पर 8-10 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही के दौरान प्रति उपलब्ध कमरा राजस्व निचले एक अंक में बढ़ा है।
वित्त वर्ष 2025 के शुरुआती हिस्से पर लू और चुनाव का असर हुआ था। हालांकि घरेलू हवाई यातायात सालाना आधार पर 6 फीसदी बढ़ा और पहली छमाही के दौरान इसमें स्थिरता बनी रही। विदेशी पर्यटकों की संख्या कैलेंडर वर्ष 2023 में बढ़कर 92 लाख पर पहुंच गई और यह आंकड़ा कैलेंडर वर्ष 2024 में 1 करोड़ के पार पहुंच जाने का अनुमान है।
नुवामा रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार त्योहारी छुट्टियों की वजह से अक्टूबर में सामान्य के मुकाबले कमजोर आवाजाही के बाद नवंबर का महीना इस व्यवसाय के लिए अच्छा रहा। ब्रोकरेज के विश्लेषकों राजीव भारती और आशिष वनवारी का मानना है कि कॉरपोरेट यात्रा में पुन: तेजी के साथ साथ त्योहारी सीजन और कॉरपोरेट/सोशल माइस कार्यक्रमों से दूसरी छमाही में कंपनियों के मजबूत प्रदर्शन को मदद मिलेगी। जहां इस क्षेत्र का परिदृश्य अनुकूल बना हुआ है, वहीं ब्रोकरेज ने इंडियन होटल्स कंपनी (आईएचसीएल) की रेटिंग बदलकर ‘घटाएं’ कर दी है क्योंकि इसका मूल्यांकन ऐतिहासिक औसत के पार निकल गया है।
2023-24 में 17 फीसदी की वृद्धि के बाद मजबूत सुधार से वित्त वर्ष 2025 में होटल क्षेत्र को 13-14 फीसदी की वृद्धि दर्ज करने में मदद मिल सकती है। मांग अधिक होने के कारण क्रिसिल रेटिंग्स को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026 में वृद्धि 11-12 प्रतिशत होगी,जिससे पिछले कुछ वर्षों की स्थिर वृद्धि का रुझान बना रहेगा। हालाँकि ऊंची मांग से कमरों की आपूर्ति में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। लेकिन इसका अधिकांश हिस्सा एसेट-लाइट मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट मॉडल के माध्यम से आएगा।
जहां कई प्रतिस्पर्धी कंपनियां कैपिटल-लाइट ग्रोथ मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, वहीं निर्मल बांग रिसर्च का मानना है कि संपत्ति मालिक शैले होटल्स को मध्यावधि में उद्योग के उतार-चढ़ाव से लगातार लाभ मिल सकता है। ब्रोकरेज ने इसे ‘खरीदें’ रेटिंग दी है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि कंपनी का मूल्यांकन पिछले उतार-चढ़ाव की तुलना में क्षेत्र के अनुकूल रुझान और बेहतर वित्तीय प्रदर्शन को दर्शाता है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल रिसर्च का मानना है कि आईएचसीएल और लेमन ट्री होटल्स जैसी ब्रांडेड हॉस्पिटैलिटी कंपनियां ज्यादा आय मल्टीपल की हकदार हैं, क्योंकि उनके रिटर्न प्रोफाइल शानदार हैं और उन्हें प्रबंधन अनुबंधों में अनुमान से तेज वृद्धि की उम्मीद है। इसका असर उनके मौजूदा ट्रेडिंग मल्टीपल में दिखा है।
शेयरखान रिसर्च सैम्ही होटल्स पर सकारात्मक है। उसका कहना है कि हैदराबाद और बेंगलूरु जैसे प्रमुख बाजारों में 525 कमरों के जुड़ने से दो से तीन वर्ष के भीतर इसका पोर्टफोलियो 5,640 कमरों तक बढ़ जाएगा। कंपनी के आंतरिक स्रोतों का उपयोग करने और वेरिएबल पट्टे पर दी गई संपत्तियों का हिस्सा ज्यादा होने से रिटर्न में सुधार होगा। यह शेयर इस समय वित्त वर्ष 2025 के अनुमानों के आधार पर अपनी 11 गुना उद्यम वैल्यू के आकर्षक मूल्यांकन पर कारोबार कर रहा है।
अल्पावधि दृष्टिकोण के अलावा मोतीलाल ओसवाल रिसर्च ने उद्योग के लिए कई दीर्घावधि मांग वाहकों की पहचान की है। इनमें मजबूत आर्थिक गतिविधियां, नए कन्वेंशन सेंटर, बेहतर कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे, मुक्त व्यापार समझौतों में सुधार और आध्यात्मिक और वन्यजीव पर्यटन में बढ़ते रुझान शामिल हैं। ब्रोकरेज ने आईएचसीएल और लेमन ट्री पर ‘खरीदें’ रेटिंग बनाए रखी है।