खुद को फिर से पटरी पर लाने की मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज की हालिया कोशिश को कितनी कामयाबी मिलती है, इसका अनुमान लगाना अभी जल्दबाजी होगी। लेकिन निवेशकों का उत्साह पहले ही बढ़ने लगा है। देश के तीसरे सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज का शेयर इस घोषणा के बाद 2 रुपये से 10 रुपये पर पहुंच गया कि अग्रणी ब्रोकरेज फर्मों ग्रो और जीरोधा से जुड़ी कंपनियों को शेयर आवंटित कर एक्सचेंज 238 करोड़ रुपये जुटाने जा रहा है।
असूचीबद्ध बाजार में कारोबार की सुविधा देने वाले प्लेटफॉर्म ने एमएसई के शेयरों की 10 रुपये से 20 रुपये के बीच मजबूत मांग की खबर दी है। हालांकि विक्रेता बहुत ही कम हैं। शेयरों का आवंटन महज 2 रुपये के भाव पर निजी नियोजन के जरिये किया जा रहा है। इससे एक्सचेंज का मूल्यांकन 1,200 करोड़ रुपये बैठता है। प्रति एक्सचेंज सिर्फ एक साप्ताहिक एक्सपायरी की अनुमति देने वाले बाजार नियामक सेबी के फैसले से ये उम्मीदें जगी हैं जिनसे एमएसई को बहाल करने की कोशिशों को सहारा मिल सकता है।
निफ्टी का संघर्ष : जोखिम और रिकवरी के बीच मुश्किल कदम
एक हफ्ते पहले करीब 5 फीसदी टूटने के बाद बेंचमार्क नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी पिछले हफ्ते करीब एक फीसदी की बढ़त दर्ज करते हुअ मजबूत हुआ। विशेषज्ञों ने कहा कि बाजार अभी भी जोखिम से बाहर नहीं है क्योंकि रुपये में कमजोरी के बीच विदेशी निवेशकों की सतत बिकवाली के कारण मनोबल सुस्त बना हुआ है। तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि निफ्टी निश्चित तौर पर मौजूदा स्तर बनाए रखेगा। 50 शेयर वाला ब्लूचिप इंडेक्स का आखिरी बंद स्तर 23,813 है। रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्र ने कहा कि हाल के निचले स्तर 23,500 से और नीचे जाने पर बिकवाली का दबाव बढ़ सकता है और समर्थन का अगला अहम स्तर नवंबर के निचले स्तर 23,263 के पास है। ऊपर की ओर 24,100-14,400 का जोन प्रतिरोध का अहम स्तर बना हुआ है। उन्होंने कारोबारियों को सलाह दी है कि वे सतर्क रुख अपनाएं और शेयर या क्षेत्र विशेष में मौके तलाशें।
अल्गो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों के लिए जवाबदेही, एक्सचेंज काम में जुटे
अल्गोरिदमिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों के लिए ब्रोकरों की जवाबदेही के मामले में सेबी फीडबैक हासिल कर रहा है। लेकिन एक्सचेंज पहले से ही इस दिशा में काम करने लगे हैं। सूत्रों ने बताया कि एक्सचेंज इन प्लेटफॉर्मों के लिए पात्रता शर्तें तय कर रहे हैं। पात्रता मानदंड दो अहम कारकों को प्राथमिकता देगा : पहले का अनुभव और शैक्षिक योग्यता। अल्गोरिदम के विकास में प्लेटफॉर्म का अनुभव अहम होगा, जिससे सुनिश्चित होगा कि प्रभावी अल्गोरिदम प्लेटफॉर्म का सृजन करने वाले ही पैलन में आएं। प्लेटफॉर्म के कर्मियों की शैक्षिक योग्यता पर भी विचार किया जाएगा ताकि सुनिश्चित हो कि अल्गोरिदम के विकास और क्रियान्वयन के लिए उनके पास जरूरी अनुभव है।