यदि ह्युंडै मोटर इंडिया (जिसमें उसके पहले दिन 6 फीसदी की गिरावट आई), एफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर (7 फीसदी तक की तेजी) और एक्मे सोलर होल्डिंग्स (3 फीसदी की गिरावट) समेत कई बड़े आईपीओ के पहले दिन के प्रदर्शन कमजोर नहीं रहे होते, तो इस वर्ष औसत वृद्धि का आंकड़ा ज्यादा रहता। आठ कंपनियों का बाजार मूल्य पहले दिन दोगुना से ज्यादा हो गया। पहले दिन सर्वाधिक ‘पॉप’ यानी तेजी ज्योति सीएनसी ऑटोमेशन (शेयर में 4.2 गुना वृद्धि) से आई, जिसके बाद केआरएन हीट एक्सचेंजर ऐंड रेफ्रिजरेशन (3.8 गुना) और प्रीमियर एनर्जीज (2.8 गुना) का स्थान रहा।
‘आईपीओ पॉप’ से मतलब किसी कंपनी के सूचीबद्ध होने के बाद उसके शेयर भाव में तेजी से है, जो आमतौर पर ट्रेडिंग के पहले दिन देखी जाती है। सर्वाधिक गिरने वालों में पॉपुलर व्हीकल्स ऐंड सर्विसेज (46 फीसदी गिरावट), कैपिटल स्मॉल फाइनैंस बैंक (40 फीसदी गिरावट) और एक्मे फिनट्रेड (इंडिया) (26 फीसदी गिरावट) शामिल रहे।
2024 में, 90 से ज्यादा मुख्य आईपीओ ने 1.6 लाख करोड़ रुपये जुटाए, जो 2021 के 1.19 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले अधिक है। छोटे या मझोले उद्यमों के आईपीओ, अनुवर्ती पेशकशों, बिक्री पेशकशों (ओएफएस), पात्र संस्थागत नियोजनों (क्यूआईपी) और राइट्स इश्यू समेत जुटाई गई कुल पूंजी 3.4 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गई, जो पिछले साल के 1.6 लाख करोड़ रुपये के 2.2 गुना है।
वर्ष जुटाई गई पूंजी लिस्टिंग के दिन (करोड़ रुपये में) प्रदर्शन (%)*
2015 13,614 14
2016 26,494 09
2017 67,147 10
2018 30,959 09
2019 12,362 15
2020 26,613 16
2021 118,723 17
2022 59,302 04
2023 49,434 40
2024 162,800 31