Dalal Street: पिछले हफ्ते BSE का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 657.48 अंक या 0.84 फीसदी चढ़ा, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 225.9 अंक या 0.95 फीसदी की बढ़त में रहा। अब अगले हफ्ते भारतीय शेयर बाजारों की दिशा आने वाले व्यापक आर्थिक आंकड़ों, फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) की गतिविधियों और ग्लोबल ट्रेंड से तय होगी। बता दें कि इस हफ्ते से नए कैलेंडर ईयर और नये महीने की शुरुआत भी होगी। रुपये की चाल पर भी निवेशकों की नजर रहेगी, जिसमें शुक्रवार को लगभग दो वर्षों में सबसे बड़ी गिरावट हुई, जिसके बाद रुपया अबतक के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया।
एक्सपर्ट्स की राय
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध मुख्य विनोद नायर ने कहा, “आगे देखते हुए आगामी तीसरी तिमाही के नतीजों पर बाजार का खासा फोकस रहने की संभावना है, जो बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। निवेशक बजट से पहले की उम्मीदों के आधार पर अपने पोर्टफोलियो को संरेखित करेंगे।”
उनके अनुसार आने वाले हफ्ते में भारत, अमेरिका और चीन के लिए PMI डेटा जैसे प्रमुख आंकड़े, साथ ही अमेरिका के जॉबलेस क्लेम्स (बेरोज़गारी दावों) का डेटा इनवेस्टर सेंटीमेंट को प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा कि ऑटो सेक्टर सुर्खियों में रहने की संभावना है, क्योंकि दिसंबर में वॉल्यूम में बढ़ोतरी की उम्मीद और वैल्यूएशन में सुधार इसे समर्थन दे रहे हैं।
ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा
अगले हफ्ते ग्लोबल लेवल पर निवेशक संयुक्त राज्य अमेरिका से वीकली जॉब के आंकड़ों और मंथली व्हीकल सेल्स के आंकड़ों पर नजर रखेंगे। इसके अलावा, 2024 के अंतिम महीने में कई देशों (अमेरिका, जापान, चीन और यूरो जोन सहित) के फाइनल मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई नंबर्स पर भी नजर रखी जाएगी।
डोमेस्टिक इकोनॉमिक डेटा
घरेलू स्तर पर, नवंबर के लिए राजकोषीय घाटा और इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट, साथ ही Q3CY24 के लिए एक्सटर्नल डेट के आंकड़े 31 दिसंबर को जारी किए जाएंगे। वहीं, दिसंबर के लिए HSBC मैन्युफैक्चरिंग PMI का अंतिम डेटा 2 जनवरी को जारी होगा। प्रोविजनल नंबर्स के अनुसार दिसंबर में मैन्युफैक्चरिंग PMI बढ़कर 57.4 हो गया, जो नवंबर में 56.5 था, यह संकेत देता है कि साल के अंतिम महीने में फैक्ट्री एक्टिविटी मजबूत रही।
इसके अलावा, 20 दिसंबर को समाप्त पखवाड़े के लिए बैंक लोन और डिपॉजिट ग्रोथ और 27 दिसंबर को समाप्त हफ्ते के लिए फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व 3 जनवरी को जारी किए जाएंगे। 20 दिसंबर को समाप्त हफ्ते में फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व और घटकर 644.39 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले हफ्ते के 652.87 अरब डॉलर की तुलना में 8.48 अरब डॉलर कम है। इस वर्ष 27 सितंबर को समाप्त हफ्ते में 704.89 अरब डॉलर के रिकॉर्ड हाई से रिजर्व में लगातार कमी आ रही है।
मौजूदा कैलेंडर वर्ष के अंतिम महीने के लिए ऑटो सेल्स के आंकड़ों पर भी फोकस रहेगा, जो अगले हफ्ते जनवरी के शुरुआती दिनों में जारी किए जाने हैं। इसलिए, टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी इंडिया, अशोक लीलैंड, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आयशर मोटर्स, हीरो मोटोकॉर्प, बजाज ऑटो, टीवीएस मोटर और एस्कॉर्ट्स कुबोटा सहित ऑटो स्टॉक अगले हफ्ते एक्शन में रहेंगे। अधिकांश एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि टू-व्हीलर और पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट की बिक्री में सिंगल डिजिट ग्रोथ होगी, साथ ही ट्रैक्टर की बिक्री में भी अच्छी वृद्धि होगी, लेकिन कमर्शियल व्हीकल की बिक्री दिसंबर में सालाना आधार पर धीमी रहने की संभावना है।
FII (फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स) पिछले हफ्ते भी नेट सेलर्स बने रहे। उन्होंने करीब ₹6323 करोड़ की बिकवाली की, जिससे दिसंबर में नकद सेगमेंट में कुल आउटफ्लो ₹10,444 करोड़ तक पहुंच गया। यह लगातार तीसरे महीने का नेट सेलिंग था, लेकिन अक्टूबर और नवंबर की तुलना में काफी कम था। हालांकि, प्राइमरी मार्केट में वे नेट बायर्स बने रहे।
हाई वैल्यूएशन के साथ-साथ अमेरिकी डॉलर और बॉन्ड यील्ड में वृद्धि के कारण FII द्वारा शुद्ध बिकवाली की गई। वर्ष के दौरान उन्होंने 2.97 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की। एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि बढ़ते अमेरिकी डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड को देखते हुए FII 2025 की शुरुआत में विक्रेता बने रहेंगे, लेकिन इसके बाद उनकी खरीद आर्थिक विकास और आय पर निर्भर करेगी।
दूसरी ओर, DII ने सप्ताह, माह और वर्ष के दौरान अपनी खरीदारी जारी रखी। उन्होंने ₹10,928 करोड़, ₹27,474 करोड़ और ₹5.2 लाख करोड़ के शेयर खरीदे, जो FIIs के आउटफ्लो की भरपाई में मजबूत भूमिका निभा रहे हैं। एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि 2025 में DIIs का निवेश और बढ़ सकता है।
लगातार मजबूत अमेरिकी डॉलर की डिमांड के कारण भारतीय रुपये ने शुक्रवार को इंट्राडे में अपने ऑल टाइम लो 85.81 को छू लिया और सप्ताह के अंत में 44 पैसे गिरकर 85.368 पर बंद हुआ, जो इसका ऑल टाइम क्लोजिंग-लो है। दिसंबर में रुपया 83 पैसे गिरा, जो मई 2023 के बाद की सबसे बड़ी मासिक गिरावट थी। वर्तमान वर्ष में रुपया 2.2 रुपये गिरा, जो 2022 के बाद की सबसे बड़ी वार्षिक गिरावट है। यह गिरावट मुख्य रूप से घरेलू इक्विटी बाजारों में विदेशी निवेशकों के बिकवाली दबाव, घटते फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व और बढ़ते ट्रेड डेफिसिट के कारण हुई।
आगे चलकर करेंसी की चाल पर फोकस रहेगा। पृथ्वीफिनमार्ट कमोडिटी रिसर्च के मनोज कुमार जैन ने कहा, “हमें उम्मीद है कि डॉलर इंडेक्स में उतार-चढ़ाव और घरेलू इक्विटी बाजारों में उतार-चढ़ाव के बीच आने वाले हफ्ते में रुपया अस्थिर रहेगा और यह 85.2200-86.4000 के दायरे में कारोबार कर सकता है।”
30 दिसंबर से शुरू हो रहे सप्ताह में प्राइमरी मार्केट में कम हलचल रहेगी। वजह, केवल 2 नए IPO खुलने जा रहे हैं। इनमें से 1 मेनबोर्ड सेगमेंट का है और दूसरा SME सेगमेंट का। इस साल मेनबोर्ड सेगमेंट में आखिरी IPO, Indo Farm Equipment का होगा। इसके अलावा पहले से खुले 2 IPO में भी नए सप्ताह में पैसे लगाने का मौका रहेगा। ये दोनों ही पब्लिक इश्यू SME सेगमेंट के हैं। जहां तक लिस्टिंग की बात है तो नए शुरू हो रहे सप्ताह में 6 कंपनियां शेयर बाजार में अपनी शुरुआत करने जा रही हैं।
टेक्निकल व्यू
तकनीकी रूप से, निफ्टी 50 ने पिछले हफ्ते 23650-23950 के दायरे में कारोबार किया और वीकली टाइमफ्रेम पर एक स्मॉल बुलिश कैंडल बनाई, जिसमें ऊपरी और निचले शैडो शामिल थे, जो रेंजबाउंड ट्रेडिंग का संकेत देते हैं। यह उस तेज गिरावट के बाद हुआ, जब इससे पिछले हफ्ते निफ्टी ने एक लॉन्ग बियर कैंडल दर्ज की थी।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले हफ्ते में भी रेंजबाउंड ट्रेडिंग जारी रह सकती है, जिसमें ऊपरी स्तर पर 24000 पर रेजिस्टेंस होगी, जिसे पार करने पर इंडेक्स 24,300 के जोन की ओर बढ़ सकता है। नीचे की ओर 23,650 पर सपोर्ट होगा, जिसके नीचे जाने पर इंडेक्स 23,500 तक गिर सकता है। हालांकि, ओवरऑल सेंटीमेंट बियरिश बनी हुई है, क्योंकि इंडेक्स 10 और 20-वीक की EMA से नीचे ट्रेड कर रहा है और साथ ही यह Bollinger बैंड्स के लोअर बैंड पर है।
डेरिवेटिव डेटा के अनुसार, निफ्टी 50 इंडेक्स आने वाले हफ्ते में 23,500-24,500 के ब्रॉड रेंज में रह सकता है, क्योंकि इनमें से किसी भी स्तर को तोड़ने और उस पर टिके रहने से बाजार को आगे की दिशा मिल सकती है।
वीकली ऑप्शंस डेटा की बात करें तो, कॉल साइड पर अधिकतम ओपन इंटरेस्ट 24,500 के स्ट्राइक प्राइस पर देखा गया, इसके बाद 24,000 और 24,200 के स्ट्राइक प्राइस पर है। वहीं, कॉल राइटिंग सबसे ज्यादा 24,200 के स्ट्राइक प्राइस पर हुई, उसके बाद 24,100 और 24,500 के स्ट्राइक प्राइस पर।
पुट साइड पर, 23,500 के स्ट्राइक प्राइस पर सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट है, इसके बाद 23,800 और 23,000 के स्ट्राइक प्राइस पर। पुट राइटिंग की बात करें तो, यह सबसे ज्यादा 23,500 के स्ट्राइक प्राइस पर हुई, उसके बाद 23,000 और 23,900 के स्ट्राइक प्राइस पर।
वोलैटिलिटी इंडेक्स, इंडिया VIX, पिछले सप्ताह के दौरान 12.17 प्रतिशत की तेज गिरावट के साथ 13.24 के स्तर पर आ गया, जबकि इससे पहले के सप्ताह में इसमें 15.48 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। यह गिरावट बुल्स के लिए राहत का संकेत है। यदि VIX 14 के स्तर से नीचे बना रहता है, तो बुल्स को बाजार में मजबूत स्थिति बनाए रखने में आसानी हो सकती है।
कॉर्पोरेट एक्शन
आगामी हफ्ते में होने वाली प्रमुख कॉर्पोरेट एक्शन नीचे दिए गए हैं:
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