विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट आ रही है। रुपये की कमजोरी का सीधा असर फॉरेक्स पर पड़ रहा है। रिजर्व बैंक को रुपये की गिरावट को थामने पर ज्यादा डॉलर खर्च करने पड़ रहे हैं। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 20 दिसंबर को 8.48 अरब डॉलर घटकर 644.39 अरब डॉलर हो गया। इससे पिछले सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.99 अरब डॉलर घटकर 652.87 अरब डॉलर हो गया था। यह छह महीने का सबसे कम स्तर था। भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रेस रिलीज जारी कर यह जानकारी दी है।
इस गिरावट का सारा श्रेय मजबूत डॉलर के बीच रुपये को सपोर्ट देने के लिए करेंसी मार्केट में RBI के मजबूत हस्तक्षेप को दिया जा सकता है। रिजर्व बैंक आम तौर पर अपने भंडार से तब डॉलर बेचता है, जब रुपया करेंसी मार्केट में अस्थिरता को रोकने की कोशिश करता है।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 27 दिसंबर को 53 पैसे कमजोर होकर 85.79 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया, जो फरवरी 2023 के बाद से इसकी एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। हालांकि जानकारों और अर्थशास्त्रियों के अनुसार रुपये के लिए सबसे खराब स्थिति खत्म नहीं हुई है। 2025 में अनिश्चितता बढ़ने की आशंका है, क्योंकि अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ की धमकी दी है और महंगाई बढ़ाने वाली नीतियां अपनाई हैं।
भारत का रिजर्व भंडार
इन एसेट में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का असर भी शामिल होता है। इस सप्ताह में सोने का भंडार 2.33 अरब डॉलर घटकर 65.73 अरब डॉलर रह गया। SDR 11.2 करोड़ डॉलर घटकर 17.88 अरब डॉलर हो गया। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास भारत का रिजर्व भंडार भी 2.3 करोड़ डॉलर घटकर 4.22 अरब डॉलर हो गया। इससे पिछले सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.99 अरब डॉलर घटकर 652.87 अरब डॉलर हो गया था। सितंबर के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 704.88 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। वहीं, SDR 11.2 करोड़ डॉलर घटकर 17.88 अरब डॉलर हो गया।