Sarkari Yojana: जो लोग बिना जोखिम वाले निवेश की तलाश में हैं, उनके लिए किसान विकास पत्र (KVP) एक शानदार विकल्प हो सकता है। यह योजना सरकार चला रही है। ये एक सुरक्षित स्कीम है, जिसमें 124 महीनों यानी 10 साल 4 महीने में निवेश का पैसा दोगुना हो सकता है। जिन निवेशकों को शेयर बाजार से जुड़ी अनिश्चितताओं से बचना है, वे इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं।
पोस्ट ऑफिस और बैंकों में उपलब्ध
पहले KVP खासतौर पर किसानों के लिए शुरू किया गया था, लेकिन अब यह सभी के लिए उपलब्ध है। यह एक फिक्स्ड रिटर्न वाली स्कीम है, जिसका मतलब है कि निवेशक पहले से यह जान सकते हैं कि उन्हें कितना रिटर्न मिलेगा। KVP में निवेश पोस्ट ऑफिस और कुछ चुनिंदा बैंकों की शाखाओं में किया जा सकता है। इस स्कीम का उद्देश्य लोगों की बचत को सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करना और उस पर आकर्षक रिटर्न देना है।
कैसे करें निवेश?
न्यूनतम निवेश का पैसा: ₹1,000
अधिकतम निवेश राशि: कोई लिमिट नहीं
50,000 रुपये से अधिक निवेश करने पर पैन कार्ड अनिवार्य है।
आधार कार्ड KYC प्रक्रिया के लिए जरूरी है।
केवल भारतीय नागरिक ही इसमें निवेश कर सकते हैं।
लॉक-इन पीरियड और अन्य फायदे
KVP का लॉक-इन पीरियड 30 महीने (2.5 साल) है। इसके बाद जरूरत पड़ने पर पैसा निकाला जा सकता है। यह स्कीम नॉमिनेशन की सुविधा भी प्रदान करती है, जिससे निवेशक के निधन की स्थिति में नॉमिनी को राशि आसानी से मिल जाती है। इसके अलावा, KVP सर्टिफिकेट को गिरवी रखकर बैंक से लोन लिया जा सकता है।
इंटरेस्ट और टैक्स नियम
इस समय KVP पर करीब 7.5% का ब्याज मिलता है। हालांकि, इस ब्याज से होने वाली आय पर टैक्स लगाया जाता है, जो निवेशक के टैक्स स्लैब के अनुसार तय होता है। किसान विकास पत्र योजना में सेक्शन 80C के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ नहीं मिलता। साथ ही मैच्योरिटी अमाउंट पर टीडीएस लागू नहीं होता।
क्यों करें निवेश?
सरकार समर्थित और सुरक्षित होने के कारण KVP एक भरोसेमंद विकल्प है। इसके फिक्स्ड रिटर्न और सरल प्रक्रिया के कारण यह निवेशकों के बीच फेमस है।