साल 2024 में भारतीय बाजार का पूंजीकरण 18.4 फीसदी बढ़कर 5.18 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है। इसमें 806 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। इस वृद्धि के कारण भारत वैश्विक स्तर पर शीर्ष 15 प्रमुख बाजारों में तीसरे स्थान पर है। भारत साल की समाप्ति पांचवें सबसे बड़े वैश्विक बाजार के साथ करेगा।
दुनिया का सबसे बड़ा बाजार अमेरिका पूंजीकरण में 25.6 फीसदी या 12.9 लाख करोड़ डॉलर की चौंकाने वाली वृद्धि के साथ 63.3 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। वह प्रदर्शन चार्ट में सबसे ऊपर है। दिलचस्प यह है कि मौजूदा कैलेंडर वर्ष के दौरान वैश्विक पूंजीकरण 13.8 लाख करोड़ डॉलर यानी 12.4 फीसदी बढ़कर 125 लाख करोड़ डॉलर हो गया जिसकी बढ़त में अकेले अमेरिकी बाजार ने 93.6 फीसदी का योगदान दिया।
अमेरिका में बाजार मूल्य में अधिकांश वृद्धि बड़ी तकनीकी कंपनियों के बल पर हुई जिनमें ऐपल, एनवीडिया, मेटा और टेस्ला शामिल हैं। ताइवान का मार्केट कैप 21.2 फीसदी बढ़ा जो विश्व के प्रमुख बाजारों में दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। निचले स्तर से तेज उछाल की बदौलत हॉन्गकॉन्ग और चीन क्रमशः 17.8 फीसदी और 6.6 फीसदी के मार्केट कैप लाभ के साथ वर्ष की समाप्ति करेंगे।
इस बीच, प्रमुख बाजारों में शामिल दक्षिण कोरिया और फ्रांस में हरेक में इस साल बाजार पूंजी में 340 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट देखी गई है और उनके प्रदर्शन पर राजनीतिक अस्थिरता का असर पड़ा है।