इस साल आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये भारत का बाजार मूल्यांकन तीन फीसदी (14 लाख करोड़ रुपये) बढ़ गया है। इसके मुकाबले पिछले साल आईपीओ के जरिये देश के बाजार मूल्यांकन में 1.4 फीसदी यानी 5 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ था।
मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक बाजार मूल्यांकन में आईपीओ का इस साल का कुल योगदान अब तक का सबसे अधिक है। हालांकि इससे पहले आईपीओ ने बाजार मूल्यांकन में साल 2017 में 3.7 फीसदी और साल 2019 में 3.4 फीसदी योगदान दिया था, जो सबसे अधिक था।
इस साल आईपीओ के जरिये 1.8 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। यह साल 2023 के मुकाबले 2.6 गुना अधिक है जब 57,600 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। इस साल आए बड़े निर्गमों में ह्युंडै मोटर इंडिया (27,860 करोड़ रुपये), स्विगी (11,330 करोड़ रुपये), एनटीपीसी ग्रीन (10,000 करोड़ रुपये) और विशाल मेगा मार्ट (8,000 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
मोतीलाल ओसवाल ने पाया है, ‘बीते साल विभिन्न क्षेत्रों के आईपीओ आए थे जिसने निवेशकों को भारत की विकास गाथा से जुड़ने का विविध मौका दिया था जो भारतीय पूंजी बाजार के लिए सकारात्मक संकेत था।’
इस साल लार्जकैप कंपनियों ने कुल मिलाकर 60,100 करोड़ रुपये जुटाए। इनमें से सिर्फ पांच बड़ी कंपनियों की इसमें 34 फीसदी हिस्सेदारी है। इस बीच, मिडकैप कंपनियों ने 49,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं (नौ कंपनियों की 28 फीसदी हिस्सेदारी रही) और स्मॉल कैप कंपनियों ने 66,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसमें 303 कंपनियों की 38 फीसदी हिस्सेदारी रही, जिसमें एसएमई आईपीओ भी शामिल हैं।