एयरलाइन कंपनी इंडिगो की उड़ानों से इस साल (2024 में) 11.2 करोड़ लोगों के यात्रा करने की उम्मीद है। इंडिगो के प्रमुख पीटर एल्बर्स ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि इंडिगो वैश्विक विमानन क्षेत्र में अग्रणी कंपनी बनने की राह पर है। पिछले साल (2023 में) देश की सबसे बड़ी एयरलाइन से 10 करोड़ से अधिक लोगों ने यात्रा की थी। भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागर विमानन बाजारों में से है और घरेलू बाजार में 63.6 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली इंडिगो अपने अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का भी विस्तार कर रही है।
साल 2025 के लिए संभावनाओं पर इंडिगो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एल्बर्स ने कहा कि छोटे आकार के ए321 एक्सएलआर विमान अगले साल आएंगे। ये विमान लंबी दूरी तक उड़ान भर सकते हैं और इससे एयरलाइन को लंबी अवधि की सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने में मदद मिलेगी। करीब 18 साल से उड़ान भर रही इंडिगो के पास 400 से ज्यादा विमानों का बेड़ा है और उसने 30 बड़े आकार के ए350-900 विमानों का ऑर्डर दिया है।
एल्बर्स ने कहा, “एक इतनी युवा एयरलाइन को 2024 में 11.2 करोड़ से अधिक यात्रियों का स्वागत करने की उम्मीद है। पिछले साल 10 करोड़ वार्षिक ग्राहकों का आंकड़ा पार कर गया।” भारत को विमानन केंद्र के रूप में स्थापित करने के दृष्टिकोण को देखते हुए उन्होंने कहा कि एयरलाइन विमानन क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी कंपनियों में से एक बनने की राह पर है।
क्या है IndiGo शेयर का share market में हाल
इंटरग्लोब एविएशन (InterGlobe Aviation) की इंडिगो के शेयर 24 दिसंबर 2024 को 4.17% तक चढ़कर 4,667.90 रुपये के हाई पर पहुंच गए। आज बाजार बंद होने तक इंडिगो का शेयर 3.70% बढ़कर 4,604.35 रुपये प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहा था, जबकि बीएसई सेंसेक्स -0.09% घटकर 78,472.87 के स्तर पर था।
यह तेजी घरेलू ब्रोकरेज फर्म एलारा कैपिटल द्वारा शेयर की रेटिंग को ‘सेल’ से बढ़ाकर ‘बाय’ करने के बाद आई। एलारा कैपिटल ने इंडिगो के शेयर का लक्ष्य टार्गेट 3,847 रुपये से बढ़ाकर 5,309 रुपये कर दिया, जो 21% की संभावित बढ़त है।
एलारा कैपिटल के विश्लेषक गगन दीक्षित ने कहा कि FY25-FY27 के लिए इंडिगो की आय के अनुमानों को संशोधित किया गया है। FY27 के लिए प्रति शेयर आय (EPS) में 15% वृद्धि के साथ टार्गेट प्राइस को 5,309 रुपये तक बढ़ाया गया है।
इंडिगो के fundamentals पर क्यों Positive हैं एक्सपर्ट
एलारा कैपिटल ने बताया कि भारत के बड़े हवाईअड्डों पर क्षमता बढ़ने और प्रतिस्पर्धी कंपनियों की सीमित क्षमता से इंडिगो को आगे बढ़ने के अच्छे मौके मिले हैं। FY25 की पहली छमाही में हवाईअड्डों का औसत उपयोग 90% था। नए हवाईअड्डों और रनवे विस्तार से FY28 तक हर साल 12% की मांग बढ़ने की उम्मीद है। इंडिगो के बड़े विमान ऑर्डर और एयरक्राफ्ट बढ़ाने की क्षमता से कंपनी को बाजार में फायदा हो सकता है। कंपनी ने FY26 की पहली तिमाही तक विमान की ग्राउंड संख्या को 60 से घटाकर 40 तक लाने की योजना बनाई है।
2024 में अंतरराष्ट्रीय ट्रैफिक कुल ट्रैफिक का 20% था, और FY28 तक इसमें हर साल 12% की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। भारतीय एयरलाइंस, खासतौर पर इंडिगो, अंतरराष्ट्रीय स्लॉट्स का अच्छा इस्तेमाल करके 14% तक की ज्यादा बढ़ोतरी हासिल कर सकती हैं। हालांकि, ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में 90 डॉलर प्रति बैरल से अधिक की वृद्धि और विमान संचालन में देरी कंपनी के प्रदर्शन के लिए जोखिम बन सकते हैं।
दूसरी तिमाही में इंडिगो को हुआ था घाटा
विमान कंपनी इंडिगो को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 986.7 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है। महंगे ईंधन, हवाई अड्डों का शुल्क बढ़ने, विमानों के ठप होने, पट्टे का खर्च बढ़ने तथा अंतरराष्ट्रीय बाजारों से कम कमाई होने कंपनी को घाटा उठाना पड़ा है। देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी सात तिमाही तक मुनाफा कमाने के बाद घाटे में गई है। इससे पहले वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में इंडिगो को 1,583.3 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
निवेशकों के साथ बातचीत के दौरान इंडिगो के मुख्य वित्त अधिकरी गौरव नेगी ने बताया था कि सितंबर तिमाही में कंपनी के करीब 75 विमान ठप पड़े थे मगर इंजन विनिर्माता प्रेट ऐंड व्हिटनी के साथ बातचीत के बाद अब ऐसे विमानों की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है। उन्होंने कहा, ‘अब हमारे ठप विमानों की संख्या 70 से कम रह गई हैं। मूल उपकरण विनिर्माता के साथ हमारी बातचीत के आधार पर हम उम्मीद कर रहे हैं कि साल के अंत तक बंद पड़े विमानों की संख्या घटकर 60-65 के बीच रह सकती है और अगले वित्त वर्ष की शुरुआत तक बंद पड़े विमानों की संख्या 40 के आसपास रह सकती है।’
इंडिगो को क्षमता बढ़ाने के लिए विदेशी विमान कंपनियों से विमानों को पट्टे पर लेना पड़ा। इसकी वजह से कंपनी की अन्य लागत भी बढ़ गई। नेगी ने कहा कि हवाई अड्डों का वार्षिक अनुबंध शुल्क भी बढ़ गया है, जिससे कंपनी को ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है। वित्त वर्ष 2025 की जुलाई-सितंबर तिमाही में इंडिगो का ईंधन संबंधी खर्च 12.8 फीसदी बढ़कर 6,605.2 करोड़ रुपये रहा। नेगी ने कहा, ‘बुनियादी ईंधन का खर्च साल-दर-साल घटी है मगर खपत बढ़ने, कुछ राज्यों में विमानन ईंधन पर मूल्य वर्धित कर बढ़ाए जाने और प्रमुख हवाई अड्डों पर विमानों की भीड़ बढ़ने से कुल ईंधन लागत बढ़ गई है।’