हाल में हुई जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक में, लूज फॉर्म में मिलने वाले पॉपकॉर्न पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। मामले से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि बैठक में नमक और मसालों से लैस पॉपकॉर्न की कैटेगरी और इस पर लागू होने वाले जीएसटी को लेकर स्पष्टीकरण के लिए ऐलान किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने नमक और मसालों वाले पॉपकॉर्न की कैटेगरी और इस पर लागू होने वाले जीएसटी को लेकर स्पष्टीकरण के लिए अनुरोध किया था।
सूत्रों ने बताया, ‘काउंसिल ने नमक और मसालों वाले पॉपकॉर्न की कैटेगरी विवाद को निपटाने के लिए स्पष्टीकरण जारी करने का सुझाव दिया था।’ इसका मतलब यह भी है कि थिएटरों में मिलने वाले पॉपकॉर्न पर मौजूदा 5 पर्सेंट की दर से ही टैक्स लगेगा। सूत्रों का कहना था, ‘ आम तौर पर थिएटर्स में ग्राहकों को लूज फॉर्म में पॉपकॉर्न बेचा जाता है, लिहाजा इस पर ‘रेस्टोरेंट सर्विस’ की तर्ज पर 5 पर्सेंट की दर से ही जीएसटी लगेगा।’
यह टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई है, जब जीएसटी काउंसिल द्वारा 21 दिसंबर को पॉपकॉर्न पर अलग-अलग रेट के ऐलान की वजह से भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी। जीएसटी की बैठक के बाद बताया गया था कि तैयार पॉपकॉर्न (ready-to-eat popcorn) पर 5% GST लागू होगा, जबकि पैकज्ड पॉपकॉर्न पर 12% GST लगेगा। वहीं, कारमेलाइज्ड (caramel) पॉपकॉर्न पर 18% GST लगाया जाएगा। वित्त मंत्री का कहना था कि पॉपकॉर्न के कारमेलाइज्ड वेरिएंट्स में चीनी मिलाने क। कारण इसे अलग कैटेगरी में रखा गया है. सभी राज्यों ने इस पर सहमति व्यक्त की है कि उत्पादों में चीनी मिलाई जाती है, उन्हें अलग कर श्रेणी में रखा जाएगा।