भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 सालों में भारतीय कंपनियों ने कैपिटल मार्केट से बड़ी मात्रा में पैसा जुटाया है। FY14 में 12,068 करोड़ रुपये से बढ़कर FY25 (अक्टूबर तक) में यह रकम 1.21 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। इससे यह साफ होता है कि अब कंपनियों के लिए पूंजी जुटाने में कैपिटल मार्केट बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अब भारतीय घरों की बचत का बड़ा हिस्सा शेयर और डिबेंचर जैसी फाइनेंशियल स्कीम में निवेश हो रहा है। FY14 में यह बचत GDP का 0.2% थी जो FY24 में बढ़कर 1% हो गई है। इसके अलावा, घरेलू फाइनेंशियल सेविंग का 1% से 5% अब इन निवेशों में जा रहा है, जो यह बताता है कि परिवारों का कैपिटल मार्केट में निवेश बढ़ रहा है।
FY25 (अक्टूबर तक) में 302 इश्यू के जरिए कुल 1.21 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई गई है। रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिमी भारत का इस पूंजी जुटाने में सबसे बड़ा योगदान है, जबकि मध्य भारत का योगदान 3% से भी कम है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का बाजार पूंजीकरण FY14 में 70 लाख करोड़ रुपये था, जो अब FY25 में 441 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इससे औसत ट्रेडिंग साइज भी बढ़ा है। FY14 में यह 19,460 रुपये था, जो अब FY25 में 30,742 रुपये तक पहुंच चुका है।
SBI की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 से हर साल औसतन 30 मिलियन (3 करोड़) नए डिमैट अकाउंट्स खोले गए हैं। इस साल यह संख्या 40 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। इसके चलते कुल डिमैट अकाउंट्स की संख्या FY24 तक 150 मिलियन (15 करोड़) हो गई है, जबकि FY14 में यह सिर्फ 22 मिलियन (2.2 करोड़) थी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अब कैपिटल मार्केट में युवा निवेशकों की संख्या बढ़ रही है। 30 साल से कम आयु के निवेशकों का हिस्सा बढ़ा है। यह बदलाव तकनीकी सुधार, कम ट्रेडिंग लागत और ज्यादा जानकारी मिलने के कारण हुआ है।
हालांकि, रिपोर्ट में F&O (फ्यूचर्स और ऑप्शन्स) ट्रेडिंग पर चिंता जताई गई है। SEBI के आंकड़ों के अनुसार, FY24 में 91.1% F&O ट्रेडर्स (लगभग 73 लाख लोग) को नुकसान हुआ। इन नुकसान उठाने वालों ने औसतन 1.20 लाख रुपये का नुकसान किया है, जो पिछले साल 1.43 लाख रुपये था।
इस समस्या को हल करने के लिए सरकार और नियामक संस्थाएं विभिन्न कदम उठा रही हैं। जैसे कि F&O पर टैक्स लगाना और लॉट साइज बढ़ाना, ताकि ज्यादा जोखिम से बचा जा सके।
साथ ही, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से राज्यों ने सेविंग स्कीम में निवेशकों की संख्या बढ़ाई है, जिससे लोगों की बचत भी बढ़ी है। यह देश के लिए एक समावेशी और मजबूत वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहा है।
SBI की इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय कैपिटल मार्केट में निवेशकों की भागीदारी बढ़ रही है, लेकिन F&O ट्रेडिंग से होने वाले नुकसान के कारण सुरक्षा उपायों की भी जरूरत है।