साल 2024 के पहले 11 महीनों के दौरान देश के यात्री वाहन निर्यात में 7.79 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई। इस अवधि में 6,64,648 वाहनों का निर्यात किया गया जबकि दोपहिया वाहनों के निर्यात में पिछले साल की तुलना में करीब 22 प्रतिशत का इजाफा हुआ और यह संख्या बढ़कर 3,602,151 वाहन हो गई। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सायम) द्वारा एकत्रित आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
भारत का लक्ष्य अपने वाहन उत्पादन का 50 प्रतिशत हिस्सा निर्यात करना है। आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी से नवंबर के बीच देश में बनाए गए लगभग 14.6 प्रतिशत यात्री वाहनों और 16.34 प्रतिशत दोपहिया वाहनों का निर्यात किया गया। हालांकि देश को 50 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए अभी लंबा सफर तय करना है। लेकिन उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि अगले चार से छह वर्षों में भारत का वाहन निर्यात दों अंकों में वृद्धि जारी रखेगा।
जनवरी में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अपने वाहनों का लगभग 14 प्रतिशत निर्यात करता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस आंकड़े को बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है। भारत पिछले साल जापान को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वाहन विनिर्माता बन गया।
सायम के महानिदेशक राजेश मेनन ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘जहां तक साल 2024 में निर्यात का सवाल है तो दोपहिया वाहन श्रेणी अन्य सभी से जुदा रही है। उम्मीद है कि कैलेंडर वर्ष 2023 की तुलना में करीब 40 लाख गाड़ियों के साथ 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो सकती है, जो मुख्य रूप से लैटिन अमेरिका की मांग से प्रेरित है।’
मेनन ने कहा, ‘साल 2023 में देखी गई वृद्धि जारी रखते हुए यात्री वाहन श्रेणी में साल 2024 में एक अंक की वृद्धि दर्ज किए जाने के आसार हैं जिसका मुख्य कारण कार कंपनियों द्वारा निर्यात बाजार में नए मॉडल पेश करना है।’ उन्होंने कहा कि इस साल कंपनियों ने जापान जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाओं को वाहन भेजना भी शुरू कर दिया है। होंडा भारत में निर्मित अपनी एलिवेट का जापान में निर्यात कर रही है, जहां यह काफी कामयाब है।
देश की सबसे बड़ी यात्री वाहन निर्यातक कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया ने कुल मिलाकर 30 लाख वाहनों का निर्यात किया है। कंपनी इस दशक के अंत तक अपना निर्यात बढ़ाकर 7,50,000 से 8,00,000 वाहन तक करना चाहती है। मारुति सुजूकी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी हिसाशी ताकेउची ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि साल 2024 कंपनी के लिए ‘उल्लेखनीय वर्ष’ रहा।
उन्होंने कहा, ‘कई चुनौतियों के बावजूद पहली दफा हमने एक साल में 20 लाख से अधिक उत्पादन किया। यह उपलब्धि किसी अन्य भारतीय यात्री वाहन विनिर्माता ने हासिल नहीं की। वर्ष 2024 में हमारे निर्यात के आंकड़े भी उतने ही प्रभावशाली रहे। जनवरी से नवंबर के बीच देश से 2.88 लाख कारों का निर्यात किया गया। हमने संयुक्त रूप से 30 लाख निर्यात की उपलब्धि भी हासिल कर ली। फिलहाल हम करीब 100 देशों में 17 मॉडल बेचते हैं। हम अपने निर्यात बाजार में और ज्यादा मॉडल पेश करने और इस दशक के आखिर तक निर्यात की अपनी संख्या बढ़ाकर 7.5 से आठ लाख तक करने की योजना बना रहे हैं।’