नई दिल्ली: शेयर मार्केट इस समय अब तक के बुरे दौर से गुजर रही है। एक दिन सेंसेक्स ऊपर चढ़ता है तो फिर कुछ दिन इसमें गिरावट आ जाती है। कई बार गिरावट 1000 अंकों से ज्यादा की आ चुकी है। शुक्रवार को भी शेयर मार्केट में बड़ी गिरावट आई। सेंसेक्स 1100 अंक से ज्यादा गिर गया। पिछले 6 महीने में सेंसेक्स का रिटर्न बेहद खराब रहा है। वहीं दूसरी ओर इस समय डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत भी काफी गिर रही है।पिछले 6 साल में सेंसेक्स के 6 महीने के आंकड़े (20 जून से 20 दिसंबर तक) बताते हैं कि ऐसा पहली बार है जब सेंसेक्स में न के बराबर तेजी आई है। यह रिटर्न एक फीसदी भी नहीं रहा। ऐसी स्थिति साल 2020 में कोरोना के समय भी नहीं आई थी। इससे पहले साल 2019 (20 जून से 20 दिसंबर) में सेंसेक्स में 5.25% की तेजी थी। बल्कि साल 2020 में सेंसेक्स में रॉकेट सी तेजी आई थी।
कितना मिला 6 महीने में रिटर्न?
पिछले 6 महीने (20 जून से 20 दिसंबर) में सेंसेक्स में एक फीसदी की भी तेजी नहीं आई है। 20 जून 2024 को सेंसेक्स 77478.93 अंकों पर बंद हुआ था। वहीं 20 दिसंबर को यह 78041.59 अंक पर बंद हुआ। ऐसे में इसमें इन 6 महीनों में मात्र 562.66 अंकों की तेजी आई तो 0.73 फीसदी है।
कैसी रही पिछली चाल?
इस बार से ज्यादा रिटर्न सेंसेक्स ने पिछले 5 वर्षों में दिया है। 20 जून से 20 दिसंबर के बीच साल 2023 में सेंसेक्स ने 11.34 फीसदी रिटर्न दिया था। इससे ज्यादा रिटर्न सेंसेक्स ने साल 2022 में दिया। इस दौरान इन 6 महीनों में सेंसेक्स का रिटर्न 19.58 फीसदी रहा। वहीं साल 2021 में सेंसेक्स ने इन 6 महीनों में 6.64 फीसदी रिटर्न दिया था।
कोरोना में सबसे ज्यादा रिटर्न
साल 2020 में कोरोना की पहली लहर आई थी। मार्च में लॉकडाउन लगा था। इसके बाद शेयर मार्केट में गिरावट आई। लेकिन यह गिरावट बहुत लंबे समय तक नहीं रही। 20 जून 2020 को सेंसेक्स 34731.73 पर आ गया था। लेकिन इसके बाद यह रॉकेट बन गया। 20 दिसंबर 2020 को यह 12228.96 अंक चढ़कर 46960.69 पर आ गया था। उन 6 महीनों में सेंसेक्स ने 32.20 फीसदी रिटर्न दिया था।
इससे पहले यानी साल 2019 में सेंसेक्स का रिटर्न कुछ कम रहा। 20 जून 2019 से लेकर 20 दिसंबर 2019 तक इसमें मात्र 5.25 फीसदी की तेजी आई थी। मौजूदा 6 महीने के बाद साल 2019 में यह इतने समय में सेंसेक्स में दूसरी सबसे कम तेजी है।
शेयर मार्केट में गिरावट के बड़े कारण
- विदेशी निवेश शेयर मार्केट से अपने शेयर बेचकर निकल रहे हैं।
- दुनिया भर के मार्केट में मंदी आई हुई है। इसका भी असर भारतीय शेयर मार्केट में दिख रहा है।
- रुपये के मुकाबले डॉलर मजबूत हो रहा है। इससे भी मार्केट में गिरावट है।
रुपया भी हुआ धड़ाम
पिछले कुछ समय में शेयर मार्केट ही नहीं, डॉलर के मुकाबले रुपये में भी काफी गिरावट आई है। गुरुवार को रुपया डॉलर के मुकाबले अपने अब तक के सबसे निचले स्तर 85.13 पर बंद हुआ था। हालांकि शुक्रवार को इसमें कुछ तेजी आई। यह 10 पैसे चढ़कर डॉलर के मुकाबले 85.03 पर बंद हुआ। रुपये में गिरावट को देखते हुए विदेशी निवेशक पैसा निकालकर जा रहे हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद से लेकर अब तक रुपये में करीब 1.2 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।