आर्थिक वृद्धि की रफ्तार, अनुकूल बाजार परिस्थितियों और रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में सुधार की वजह से इस साल यानि 2024 में IPO बाजार में काफी तेजी देखने को मिली है। साल के दौरान मेनबोर्ड सेगमेंट की कंपनियों ने IPO के जरिए रिकॉर्ड 1.6 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई है। माना जा रहा है कि अगला साल भी IPO के लिए काफी अच्छा रहेगा।
IPO के लिए असाधारण रहा यह साल न केवल पब्लिक इश्यू लाने वाली कंपनियों के भरोसे को दर्शाता है, बल्कि इससे निवेशकों के विश्वास का भी पता चलता है। निवेशकों ने लिस्टिंग के दिन मुनाफा कमाने के अलावा लॉन्ग टर्म के लिए भी कंपनियों की क्षमताओं में भरोसा जताया है।
IPO का एवरेज साइज बढ़कर हुआ ₹1700 करोड़
इस साल हुंडई मोटर इंडिया का 27,870 करोड़ रुपये का IPO आया। यह देश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा IPO है। साल के दौरान बड़ी, मझोली और छोटी सभी तरह की कंपनियों ने IPO से पैसे जुटाए। 2024 में IPO का एवरेज साइज बढ़कर 1,700 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। 2023 में यह 867 करोड़ रुपये रहा था। अकेले दिसंबर महीने में कम से कम 15 IPO आए हैं।
आनंद राठी एडवायजर्स के डायरेक्टर और हेड- ECM, इनवेस्टमेंट बैंकिंग वी प्रशांत राव ने कहा, ‘‘रिटेल इनवेस्टर्स की बढ़ती भागीदारी और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) की सक्रिय हिस्सेदारी, प्राइवेट कैपेक्स में वृद्धि, और इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रमुख क्षेत्रों पर सरकार के फोकस से सामूहिक रूप से IPO के जरिए पैसे जुटाने की गतिविधियों ने रफ्तार पकड़ी।’’
SME IPO ने जुटाए 8700 करोड़ रुपये
एक्सचेंज के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2024 में 90 मेनबोर्ड IPO आए जिनके जरिए कुल मिलाकर 1.6 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए। इसमें 23-24 दिसंबर को समाप्त होने वाले 8 IPO भी शामिल हैं। इसके अलावा, यूनिमेक एयरोस्पेस एंड मैन्युफैक्चरिंग का 500 करोड़ रुपये का IPO 23 दिसंबर को खुलने वाला है। इससे पिछले साल यानि 2023 में मेनबोर्ड सेगमेंट की 57 कंपनियों ने IPO से 49,436 करोड़ रुपये की राशि जुटाई थी। 2021 में 63 कंपनियों ने IPO से 1.2 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे। यह दो दशक का सबसे ऊंचा आंकड़ा था।
प्राइमडाटाबेस.कॉम के आंकड़ों के अनुसार, छोटी और मझोली कंपनियों (SME) के IPO में भी इस साल काफी तेजी देखने को मिली है। साल के दौरान 238 छोटी और मझोली कंपनियों ने शेयर जारी कर 8,700 करोड़ रुपये जुटाए। 2023 में SME IPO के जरिए 4,686 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई थी।
सबसे बड़े IPO
इस साल हुंडई मोटर इंडिया के IPO के बाद दूसरा सबसे बड़ा IPO स्विगी का रहा, जिसका साइज 11,327 करोड़ रुपये था। इसके बाद NTPC ग्रीन एनर्जी (10,000 करोड़ रुपये), बजाज हाउसिंग फाइनेंस (6,560 करोड़ रुपये) और ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (6,145 करोड़ रुपये) के IPO रहे। इसके उलट विभोर स्टील ट्यूब्स के IPO का साइज सबसे छोटा 72 करोड़ रुपये रहा।
दिलचस्प बात यह है कि इस साल IPO सब्सक्रिप्शन रेशियो भी असाधारण रूप से हाई रहा है। विभोर स्टील ट्यूब्स को 320 गुना का सब्सक्रिप्शन मिला, जबकि केआरएन हीट एक्सचेंजर और रेफ्रिजरेशन, मनबा फाइनेंस और गाला प्रिसिजन इंजीनियरिंग जैसे अन्य IPO को 200 गुना से अधिक सब्सक्राइब किया गया। इसके अलावा, वन मोबिक्विक सिस्टम्स, यूनीकॉमर्स ई-सॉल्यूशंस, डिफ्यूजन इंजीनियर्स, बीएलएस ई-सर्विसेज और एक्सिकॉम टेली-सिस्टम्स जैसी कंपनियों के IPO को 100 गुना से अधिक सब्सक्राइब किया गया।
2025 में और आगे जाएगा IPO का आंकड़ा
मार्केट एनालिस्ट्स का मानना है कि नए साल में भी IPO के जरिए पैसे जुटाने की गतिविधियों में तेजी रहेगी। 2025 में IPO का आंकड़ा इस साल के आंकड़े को पार कर सकता है। इक्विरस के मैनेजिंग डायरेक्टर और इक्विटी कैपिटल मार्केट्स के हेड मुनीश अग्रवाल ने कहा, ‘‘75 IPO डॉक्युमेंट इस समय मंजूरी के विभिन्न चरणों में हैं। इस आधार पर हमारा मानना है कि 2025 में कंपनियां IPO के जरिए 2.5 लाख करोड़ रुपये तक जुटा सकती हैं।’’
अगले साल जिन कंपनियों के IPO आने हैं, उनमें एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज का प्रस्तावित 12,500 करोड़ रुपये का पब्लिक इश्यू शामिल है। इसके अलावा एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का 15,000 करोड़ रुपये का IPO और हेक्सावेयर टेक्नोलोजिज का 9,950 करोड़ रुपये का IPO भी प्रस्तावित है।?