नवंबर महीने में पर्सनल कंज्म्पशन एक्सपेंडिचर (पीसीई) इंडेक्स में सालाना आधार पर 2.4 फीसदी की तेजी आई। अमेरिकी फेड के फैसले से मुरझाए अमेरिकी स्टॉक मार्केट को महंगाई के उम्मीद से बेहतर आंकड़ों से संजीवनी मिली। इसके चलते शुक्रवार को अमेरिका के अहम बेंचमार्क इंडेक्स डाऊ जोन्स (Dow Jones), एसएंडपी500 (S&P 500) और नास्डाक (Nasdaq) में करीब 1 फीसदी की तेजी आई। अब इनफ्लेशन के आंकड़ों की बात करें तो नवंबर महीने में पर्सनल कंजम्प्शन एक्सपेंडिचर (PCE) इंडेक्स सालाना आधार पर 2.4 फीसदी बढ़ा जोकि न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के पोल में इकनॉमिस्ट्स के 2.5 फीसदी के अनुमान से हल्का ही कम है। वहीं फेडरल रिजर्व की बात करें तो ब्याज दरों की दिशा को लेकर चिंता हल्की हुई है और अमेरिकी फेड ने इस साल तीसरी बार ब्याज दरें हल्की की।
लेकिन अमेरिकी फेड के फैसले के बाद आई थी बिकवाली की आंधी
अमेरिकी फेड ने ब्याज दरें कम की लेकिन फिर भी स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट आई थी। इसकी वजह ये है कि अगले साल 2025 में सिर्फ दो ही कटौती के संकेत मिले। अमेरिका फेड के फैसले के चलते लगातार तीन दिनों में नास्डाक, एसएंडपी500 और डाऊ जोन्स करीब चार फीसदी तक टूट गए। हालांकि फिर महंगाई के आंकड़े आए और शेयरों ने वापसी की। इसके चलते शुक्रवार को नास्डाक 0.93 फीसदी, डाऊ जोन्स 1.21 और एसएंडपी500 भी 1.09 फीसदी चढ़कर बंद हुआ। हालांकि इस तेजी के बावजूद वीकली स्तर पर पिछले हफ्ते के शुक्रवार से करीब दो फीसदी नीचे ही हैं।
इनफ्लेशन के आंकड़ों से कैसे मिला सपोर्ट?
नवंबर महीने में पर्सनल कंज्म्पशन एक्सपेंडिचर (पीसीई) इंडेक्स में सालाना आधार पर 2.4 फीसदी की तेजी आई। कंज्यूमर स्पेंडिंग में उछाल आर्थिक मजबूती का संकेत है। इन आंकड़ों के आने के बाद ट्रेडर्स को अमेरिकी फेड की तरफ अगले साल 2025 में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें और बढ़ी हैं। ट्रेडर्स मार्च में पहली कटौती और अक्टूबर तक एक और कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। इन आंकड़ों के आने से पहले दिसंबर 2025 तक ब्याज दरों में कटौती की करीब 50 फीसदी उम्मीद देख रहे थे।