नई दिल्ली: भारत सहित दुनियाभर के शेयर बाजारों में गुरुवार को जबर्दस्त बिकवाली देखी गई थी। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की तरफ से अगले साल ब्याज दरों में कम कटौती के संकेत मिलने के बाद ऐसा हुआ था। इससे घरेलू शेयर बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांक लुढ़के थे। सेंसेक्स करीब 965 अंक टूटकर 80,000 अंक के स्तर से नीचे आ गया था। विदेशी फंडों की निकासी जारी रहने के बीच कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, बैंकिंग और आईटी शेयरों में भारी गिरावट ने भी निवेशकों की धारणा पर प्रतिकूल असर डाला था। बीएसई का 30 शेयरों पर वाला सेंसेक्स 964.15 अंक यानी 1.20 फीसदी लुढ़ककर 79,218.05 अंक पर बंद हुआ था। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,162.12 अंक तक टूटकर 79,020.08 अंक पर आ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी भी 247.15 अंक यानी 1.02 फीसदी गिरकर 24,000 अंक से नीचे 23,951.70 अंक पर आ गया।गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार लगातार चौथे दिन गिरावट के साथ बंद हुए थे। गिरावट के इन चार दिनों में सेंसेक्स 2,915.07 अंक यानी 3.54 फीसदी नीचे आ गया। जबकि निफ्टी में कुल 816.6 अंक यानी 3.29 फीसदी का नुकसान रहा।
सेंसेक्स की कंपनियों में से इन्फोसिस, बजाज फिनसर्व, जेएसडब्ल्यू स्टील, बजाज फाइनेंस, एशियन पेंट्स, आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर नुकसान के साथ बंद हुए थे। इसके उलट, सन फार्मा, पावर ग्रिड और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों में तेजी दर्ज की गई थी।
इन शेयरों में दिख रही खरीदारी
जिन शेयरों में मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है, उनमें KFIN Technologies, JP Power, Chennai Petro, Ipca Laboratories, Anant Raj, IFCI और Dr. Reddy’s Laboratories शामिल हैं। इन शेयर ने अपना 52 हफ्ते का उच्च स्तर पार कर लिया है। यह इन शेयर में तेजी का संकेत देता है।
इन स्टॉक्स में मंदी के संकेत
एमएसीडी (MACD) ने Triveni Turbine, LTIMindtree, Craftsman Automation, Jubilant Ingrevia, Cummins India, DOMS Industries और ABB India के शेयर में मंदी का संकेत दिया है। इसका मतलब है कि अब इन शेयरों में गिरावट शुरू हो गई है।
(डिस्क्लेमर: इस विश्लेषण में दिए गए सुझाव व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के हैं, एनबीटी के नहीं। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि किसी भी निवेश का निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श कर लें क्योंकि शेयर बाजार की परिस्थितियां तेजी से बदल सकती हैं।)