वेबसोल एनर्जी सिस्टम्स (WESL) के शेयर शुक्रवार को बीएसई पर 5% की बढ़त के साथ ₹1,774.50 के नए हाई पर पहुंच गए। इस महीने के दौरान कंपनी के शेयरों में अब तक 40% की बढ़ोतरी हुई है। पिछले 17 महीनों में, वेबसोल एनर्जी के शेयरों में जबरदस्त 2,000% की बढ़त हुई है, जो 20 जुलाई 2023 को ₹84.45 प्रति शेयर से बढ़कर अब ₹1,774.50 पर पहुंच गए हैं।
कंपनी की मजबूती और विस्तार
वेबसोल एनर्जी 1994 से सोलर फोटोवोल्टिक सेल और मॉड्यूल बनाने और बेचने का बिजनेस कर रही है। कंपनी का विनिर्माण प्लांट पश्चिम बंगाल के फाल्टा स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन में स्थित है। कंपनी के प्रोडक्ट भारत और विदेशों में व्यावसायिक और औद्योगिक उपयोग के लिए काम आते हैं।
कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में ₹64.88 करोड़ का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया, जबकि पिछले साल की समान अवधि में ₹8.94 करोड़ का नुकसान हुआ था। पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी को ₹120.96 करोड़ का घाटा हुआ था।
कंपनी वर्तमान में अपनी सभी सोलर सेल प्रोडक्शन को डोमेस्टिक कंटेंट रिक्वायरमेंट (DCR) बाजार में बेच रही है। साथ ही, विदेशी खरीदार भी इसके प्रोडक्ट में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इसलिए कंपनी आगे संतुलित रणनीति अपनाने की योजना बना रही है।
क्षमता विस्तार
वेबसोल एनर्जी ने हाल ही में 600 MWP मोनो PERC बाइफेसियल सोलर सेल और 550 MWP मॉड्यूल निर्माण फैसिलिटी शुरू की है। 600 MWP प्रोजेक्ट का पहला चरण 2024 की अंतिम तिमाही में और 550 MWP मॉड्यूल लाइन 1 अगस्त 2024 से चालू हुई।
कंपनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि भारत में नवीकरणीय ऊर्जा का प्रसार 2025 तक 170 GW तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें से 104 GW सौर ऊर्जा से होगा। FY 2023-24 में भारत ने 17 GW नई सौर क्षमता जोड़ी और FY 2024-25 में इसे 20 GW तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
भारत में सौर और पवन ऊर्जा का विकास सरकारी उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना और सरल नीलामी नियमों की वजह से तेजी से हो रहा है। कंपनी ने अनुमान लगाया है कि 2032 तक भारत की ऊर्जा वृद्धि का दो-तिहाई हिस्सा सौर और पवन ऊर्जा से आएगा।
30 सितंबर 2024 तक, कंपनी के पास कुल 4.22 करोड़ इक्विटी शेयर थे। इनमें 27.71% हिस्सेदारी प्रमोटरों के पास थी, जबकि शेष 72.29% हिस्सेदारी खुदरा निवेशकों (62.58%) और अनिवासी भारतीयों (7.91%) के पास थी।