US Fed Rate Cut: अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में लगातार तीसरी बार कटौती का ऐलान किया है। दिसंबर में ब्याज दरों में उम्मीद के मुताबिक 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है। फेडरल रिजर्व ने फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक में यह निर्णय लिया। इस कटौती के बाद ब्याज दर 4.5%-4.75% से घटकर 4.25%-4.5% पर आ गई है। इसके पहले सितंबर 2024 में ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई थी। यह पिछले चार सालों में हुई पहली कटौती थी। इसके अलावा, नवंबर में भी ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की गई थी।
अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट
फेडरल रिजर्व के इस फैसले के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है। समाचार लिखे जाने के समय Dow Jones 0.08 फीसदी गिरकर 43,418.85 के लेवल पर ट्रेड कर रहा है। इसके अलावा, S&P 500 में 0.36 फीसदी और Nasdaq में 0.29 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है।
ब्याज दरों में कटौती से मॉर्गेज, ऑटो लोन, और क्रेडिट कार्ड जैसे कर्जों पर ब्याज कम होगा, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 2024 में फेड द्वारा किए गए बड़े ब्याज दर कटौती के बाद, 2025 में दरों में कटौती की गति धीमी हो सकती है। इसका मतलब है कि अमेरिकी नागरिकों को थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन यह राहत बहुत अधिक नहीं होगी, क्योंकि ब्याज दरों में धीरे-धीरे कटौती की जाएगी।
बता दें कि 2022 में अमेरिका में मुद्रास्फीति 7.2 फीसदी तक पहुंच गई थी, जो 40 वर्षों में सबसे उच्चतम दर थी। इसे नियंत्रित करने के लिए फेड ने ब्याज दरों को बहुत उच्च स्तर तक बढ़ा दिया था। अब 2024 में मुद्रास्फीति काफी निचले स्तर पर आ गई है। अक्टूबर 2024 में मुद्रास्फीति 2.3 फीसदी तक आ गई है, जो कि 7.2% के उच्चतम स्तर से बहुत कम है। मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में सफलता मिलने के बाद कई फेड अधिकारियों का मानना है कि ब्याज दरों को अब इतना अधिक नहीं रखा जाना चाहिए।
भारतीय बाजार में पिछले तीन सत्रों से गिरावट
भारत के शेयर बाजार में तीन सत्रों से गिरावट जारी है और सोमवार से निफ्टी में करीब 600 अंकों की गिरावट आई है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति घोषणा से पहले तेज उछाल के बाद सतर्क निवेशकों ने मुनाफावसूली की। नवंबर के आखिर के निचले स्तर से 6.1 फीसदी की तेज उछाल दर्ज करने के बाद शुक्रवार की क्लोजिंग से अब एनएसई निफ्टी में 2.5 फीसदी की गिरावट आई है।
द स्ट्रीट्स के फंड मैनेजर और ट्रेडिंग रणनीतिकार कुणाल रंभिया ने कहा कि एनएसई इंडेक्स में 21 नवंबर के निचले स्तर से 6-7 फीसदी की तेज रिकवरी के बाद मुनाफावसूली के कारण बाजार में हालिया गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि इस तरह के करेक्शन जो रैली के लगभग 40 फीसदी के बराबर हैं, यूएस फेड के फैसले जैसी बड़ी घोषणाओं से पहले आम बात है। तेज उछाल के बाद निवेशक सतर्क हो गए हैं। वे किनारे पर ही इंतजार करना पसंद कर रहे हैं।
दर कटौती का क्या होगा बाजार पर असर?
कुणाल रंभिया के मुताबिक दर कटौती से बाजार पॉजिटिव रुझान के साथ साइडवेज कंसोलिडेशन में रह सकता है। उन्होंने रेट कट से पहले कहा था, “अगर फेडरल रिजर्व 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करता है, तो बाजार में कोई ज्यादा हलचल नहीं देखने को मिलेगी क्योंकि मार्केट इसका पहले से ही अनुमान लगा चुका है। लेकिन अगर वह ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करता है, तो निफ्टी में 3 से 4% और गिरावट देखने को मिल सकती है।”
बैथिनी ने कहा कि सबसे अहम फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल का बयान होगा। बाजार यह जानना चाहेगा कि 2025 में ब्याज दरों में कटौती को लेकर उनका क्या रुख होगा। अगर उन्होंने कटौती रोकने या उसकी रफ्तार धीमी करने का संकेत दिया तो यह मार्केट में गिरावट को और तेज कर देगा। वहीं अगर उन्होंने उदार रुख अपनाया और अच्छे संकेत दिए तो फिर हमें बाजार में एक क्रिसमस रैली देखने को मिल सकती हैं। हालांकि बैथिनी ने यह भी कहा कि मीडियम से लॉन्ग-टर्म में फेडरल रिजर्व के फैसले का बाजार पर कोई इम्पैक्ट नहीं पड़ेगा।
RBI पर पड़ेगा फेड के फैसले का असर
एक्सपर्ट्स का कहना है कि फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट घटाने के फैसले का असर इंडिया में RBI पर पड़ेगा। आरबीआई ने दिसंबर की शुरुआत में लगातार 11वीं बार इंटरेस्ट रेट में बदलाव नहीं किया। रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बना हुआ है। अब माना जा रहा है कि RBI फरवरी की अपनी अगली मॉनेटरी पॉलिसी में इंटरेस्ट रेट में कमी कर सकता है। आरबीआई यह कह चुका है कि उसकी नजरें रिटेल इनफ्लेशन पर बनी हुई है। वह इंटरेस्ट रेट घटाने से पहले रिटेल इनफ्लेशन का ध्यान रखेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर दिसंबर और जनवरी में रिटेल इनफ्लेशन में कमी आती है तो RBI फरवरी में इंटरेस्ट रेट कम से कम 25 बेसिस प्वाइंट्स घटा सकता है।