Stock Market: शेयर बाजार में पिछले 4 दिनों से लगातार गिरावट जारी है। सेंसेक्स इस दौरान लगभग 3000 प्वाइंट्स टूट चुका है। निवेशकों के करीब साढ़े 10 लाख करोड़ रुपये डूब चुके हैं। आखिर यह गिरावट कहां जाकर रुकेगी? सेंसेक्स और निफ्टी कहां जाकर संभलेंगे? क्या फेडरल रिजर्व ने बाजार में लंबी गिरावट का संकेत दे दिया है? निवेशकों को इस समय क्या करना चाहिए? आइए जानते हैं-
शेयर बाजार में क्यों आई गिरावट?
आज की गिरावट आई है फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयानों के चलते। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपने महंगाई के अनुमान को बढ़ा दिया है और 2025 में उन्होंने ब्याज दरों में अनुमानों से कम कटौती का संकेत दिया है। इससे पूरे ग्लोबल मार्केट्स का सेंटीमेंट आज कमजोर रहा। शेयर बाजार उम्मीद कर रहा था फेडरल रिजर्व 2025 के दौरान ब्याज दरों में 3 से 4 बार कटौती करेगा। लेकिन इसकी जगह अब उसने महज दो बार एक चौथाई फीसदी कटौती की बात कही है।
फेडरल रिजर्व ने क्यों बदला अपना रुख?
फेडरल रिजर्व ने अचानक से अपना यह रुख क्यों बदला? इस बारे में मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना कि इसके पीछे असली विलेन डोनाल्ड ट्रंप है। ट्रंप ने तमाम देशों पर टैरिफ लगाने की धमकी दी है। इसके चलते अमेरिका में इंपोर्ट होने वाली वस्तुओं के दाम आसमान छू सकते हैं और महंगाई दर फिर से बढ़ सकती है। इसी के चलते फेडरल रिजर्व को अपने अनुमानों में नए सिरे से बदलाव करना पड़ रहा है। फेडरल रिजर्व ने पहले 2025 में महंगाई दर के 2.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया था, जिसे उसने बढ़ाकर अब 2.5 फीसदी कर दिया है।
फेड के फैसले का क्या होगा असर?
अब सवाल यह है कि फेड के इस फैसले का असर क्या होगा। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे अमेरिकी शेयर बाजार में 10 से 15% तक की भारी गिरावट आ सकती है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मीडियम से लॉन्ग टर्म निवेशकों को खरीदारी का एक मौका दे सकती है। अब जानते हैं कि इस फैसले का भारतीय शेयर बाजार पर क्या असर होगा। लगभग सभी मार्केट एक्सपर्ट्स इस एक बात पर सहमत दिखाई दिए कि फेडरल रिजर्व के फैसले से भारतीय शेयर बाजार में शॉर्ट-टर्म में गिरावट आ सकती है, लेकिन मीडियम से लॉन्ग टर्म में इसके फैसले का कोई असर नहीं होने वाला है।
फेडरल रिजर्व की कमेंट्री में चिंता वाली बात नहीं: समीर अरोड़ा
दिग्गज फंड मैनेजर समीर अरोड़ा का कहना है कि फेडरल रिजर्व की कमेंट्री में चिंता वाली कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि यह रूटीन गिरावट थी, क्योंकि पिछले कुछ सत्रों में स्टॉक्स में अच्छी तेजी देखने को मिली थी। उन्होंने कहा कि बाजार पहले से ही इस बात की आशंका जता रहा था कि फेडरल रिजर्व के आउटलुट में कोई बदलाव हो सकता है। उन्होंने कहा कि Sensex में आज 1000 प्वाइंट्स की गिरावट आई है, लेकिन यह सिर्फ 1 फीसदी है और ऐसी गिरावटें आती रहती हैं। उन्होंने कहा कि अगले 1 महीने तक भारतीय बाजार में कंसॉलिडेशन देखने को मिल सकता है। इसके बाद बाजार का फोकस पूरी तरह के बजट के ऐलानों पर शिफ्ट हो जाएगा।
निफ्टी के लिए ये लेवल हैं अहम
फिनमार्ट के अरुण कुमार मंत्री ने कहा कि डेटा के मुताबिक बाजार काफी ओवरसोल्ड नजर आ रहा है। लेकिन साथ ही हम देख रहे हैं अब ऊपर की तरफ निफ्टी में 24200 से 24250 पर एक रेजिस्टेंस नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि हम नवंबर का लो और दिसंबर का हाई जो कि 11 दिसंबर को देखने को मिला था उसका रिट्रेसमेंट निकालें तो वह 23750 और 23730 के आस-पास आता है। आज को लो लेवल भी इसी के आस-पास है। इस लेवल पर हमारी नजरें हैं। अगर ये लेवल्स ब्रेक होते हैं बाजार में तीसरे राउंड की बिकवाली देखने को मिल सकती है। वहीं अगर निफ्टी उस लेवल को होल्ड करता है तो थोड़ी राहत मिल सकती है। इसके बाद 24100 और 24150 तक फिर से उछाल नजर आ सकता है।
इस बीच प्राइम सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट आई है। प्राइम सिक्योरिटीज ने कहा कि निफ्टी का 2025 में रिटर्न इस साल 2024 से भी कम रह सकता है। उसने कहा कि निफ्टी 2025 में शायद ही 10 पर्सेंट के रिटर्न को छू पाएं। उसने कहा कि 2025 में पैसिव की जगह, एक्टिव निवेशक स्मार्ट तरीके से निवेश कर ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। stock market news की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।