दिग्गज फंड मैनेजर समीर अरोड़ा ने 19 दिसंबर को निफ्टी-सेंसेक्स सहित एशियाई बाजारों में आई गिरावट के बारे में बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि फेडरल रिजर्व की पॉलिसी आने के बाद अमेरिकी बाजारों में 18 दिसंबर को बड़ी गिरावट आई। यह रूटीन गिरावट थी, क्योंकि पिछले कुछ सत्रों में स्टॉक्स में अच्छी तेजी देखने को मिली थी। उन्होंने यह भी कहा कि फेड की कमेंट्री अनुमान के मुताबिक है और इससे मार्केट का आउटलुक नहीं बदला है।
अरोड़ा ने कहा, “इनफ्लेशन में कुछ बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी मार्केट में निराशा की वजह नहीं हो सकती। फेड ने 18 दिसंबर को अमेरिका में इंटरेस्ट रेट में कमी को लेकर जो बातें कही हैं, उसका अंदाजा भी पहले से था। अब अमेरिकी केंद्रीय बैंक 2025 में इंटरेस्ट रेट में सिर्फ 2 बार कमी करेगा।” अरोड़ा ने कहा कि इनफ्लेशन की दिशा अनुमान के मुताबिक है। इसके 2026 तक 2 फीसदी पर आ जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अगर 2.1 फीसदी पर आ जाता है तो भी इससे बड़ा फर्क नहीं पड़ेगा।
अमेरिका में टेक्नोलॉजी शेयरों में आई बड़ी गिरावट के बारे में अरोड़ा ने कहा कि FOMC की मीटिंग से पहले के हफ्तों में इन स्टॉक्स में अच्छी तेजी देखने को मिली थी। 29 नवंबर को Tesla का स्टॉक 345 डॉलर पर था। 18 दिसंबर की गिरावट के बाद भी यह 440 डॉलर पर था। Google 170 डॉलर पर था। 18 दिसंबर की गिरावट के बाद यह 190 डॉलर पर था। Amazon का स्टॉक 208 डॉलर पर था। 18 दिसंबर की गिरावट के बाद भी यह 220 डॉलर पर था। Meta का स्टॉक 574 डॉलर था। 18 दिसंबर की गिरावट के बाद यह 597 डॉलर था। इसलिए यह नेचुरल करेक्शन था। यह कहना गलत होगा कि इस गिरावट की वजह फेडरल रिजर्व की पॉलिसी है।
इंडियन मार्केट्स के बारे में उन्होंने कहा कि Sensex में 1000 प्वाइंट्स की गिरावट को लेकर सवाल नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह सिर्फ 1 फीसदी गिरावट है। रुपये में गिरावट के बारे में उन्होंने कहा कि इंडियन इकोनॉमी की स्थिति अपेक्षाकृत मजबूत है, क्योंकि दूसरे विकसित और उभरते देशों की करेंसी में ज्यादा गिरावट आई है। आप दुनिया में किसी छोटे या बड़े बाजार को देखें, उनकी करेंसी में ज्यादा गिरावट आई है। उन्होंने अगले 1 महीने में इंडियन मार्केट में स्थिरता रहने का अनुमान जताया। उन्होंने कहा कि उन्हें डिजिटल प्लेयर्स, कैपिटल मार्केट से जुड़े स्टॉक्स और आईटी शेयरों में तेजी की उम्मीद है।
