भारतीय बाजार के सबसे महंगे फार्मा स्टॉक एबॉट इंडिया (Abbott India) में 19 दिसंबर 2024 को तेजी दर्ज की गई और यह बीएसई पर 2.72% की तेजी के साथ ₹28,900 के इंट्राडे हाई तक पहुंच गया। शेयर की कीमत में यह उछाल न्यूयॉर्क बेस्ड फाइनेंशियल सर्विस फर्म जेपी मॉर्गन द्वारा टारगेट प्राइस बढ़ाने के बाद देखने को मिला। जेपी मॉर्गन ने एबॉट इंडिया का टारगेट प्राइस ₹30,000 से बढ़ाकर ₹31,500 कर दिया जो 18 दिसंबर को बंद कीमत ₹28,134 से 12% बढ़त का संकेत देता है।
नोमुरा की 11 दिसंबर 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय फार्मास्युटिकल मार्केट (IPM) ने नवंबर 2024 में 10.7% की साल-दर-साल (YoY) बिक्री ग्रोथ दर्ज की। यह पिछले चार महीनों की सबसे तेज ग्रोथ है। हालांकि, यह वृद्धि पिछले साल के लो बेस पर आधारित है, क्योंकि नवंबर 2023 में YoY ग्रोथ केवल 3.5% थी। नवंबर 2022 से नवंबर 2024 तक दो सालों की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) 7% रही जो मौसमी उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए ट्रेंड से मेल खाती है।
प्राइस हाइक बना ग्रोथ का मुख्य कारण
नवंबर 2024 में पिछले तीन महीनों (T3M) की औसत ग्रोथ दर 6.9% और पिछले 12 महीनों (T12M) की औसत ग्रोथ दर 7.2% रही। विश्लेषकों का मानना है कि यह ग्रोथ मुख्य रूप से 4-5% तक की प्राइस हाइक के कारण हुई जबकि ब्रांडेड जेनेरिक दवाओं की वॉल्यूम ग्रोथ सुस्त रही।
कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स के ऑर्डर बुक में भी हाल के महीनों में खास बढ़ोतरी नहीं हुई। इसके अलावा, ट्रेड जेनेरिक्स, अनब्रांडेड जेनेरिक्स और प्राइवेट-लेबल दवाओं की बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि ने ब्रांडेड जेनेरिक्स की परफॉर्मेंस को प्रभावित किया।
उदाहरण के तौर पर, मेडप्लस ने प्रतिस्पर्धी कीमतों पर प्राइवेट-लेबल प्रोडक्ट्स लॉन्च करने के बाद वॉल्यूम ग्रोथ में बड़ी बढ़त हासिल की।
नोमुरा की रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि फार्मा सेक्टर को शॉर्ट-टर्म में बढ़ती इनपुट लागत के कारण जोखिम का सामना करना पड़ सकता है। इनपुट लागत में वृद्धि से EBITDA मार्जिन पर दबाव पड़ेगा जिससे कमाई की वृद्धि धीमी हो सकती है। यह स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि पहले से ही बाजार की ग्रोथ दर मध्यम है।
एबॉट इंडिया का फाइनेंशियल परफॉरमेंस
सितंबर तिमाही (Q2FY25) में एबॉट इंडिया का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार (YoY) पर 14.6% बढ़कर ₹358.6 करोड़ हो गया जो पिछले वित्त वर्ष (Q2FY24) में ₹312.9 करोड़ था। इसी अवधि में कंपनी की बिक्री 9.3% बढ़कर ₹1,632.7 करोड़ हो गई जो Q2FY24 में ₹1,494.1 करोड़ थी।
कंपनी के बारे में
1944 में स्थापित एबॉट इंडिया भारत की लीडिंग मल्टीनेशनल फार्मास्युटिकल कंपनियों में से एक है। यह ग्लोबल एबॉट लेबोरेटरीज ग्रुप का हिस्सा है जो 130 सालों से ज्यादा की विरासत और 160 से अधिक देशों में अपनी प्रेजेंस के साथ फार्मा उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
एबॉट इंडिया का प्रोडक्ट पोर्टफोलियो 125 से अधिक प्रोडक्ट को कवर करता है। इनमें महिलाओं के स्वास्थ्य, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS) विकार, मेटाबॉलिक्स, पेन मैनेजमेंट , अनिद्रा, पोषण सप्लीमेंट्स, विटामिन, वैक्सीन और कंज्यूमर हेल्थ शामिल हैं।
कंपनी के टॉप 15 ब्रांड अपने-अपने सेगमेंट में लीडर हैं और इसके कोर बिजनेस का 80% से अधिक हिस्सा बनाते हैं। एबॉट इंडिया श्रीलंका, नेपाल, मालदीव और भूटान के बाजारों में भी अपनी प्रेजेंस बनाए हुए है। इसका मजबूत वितरण नेटवर्क 8,600 से अधिक स्टॉकिस्ट्स और 60 लाख से अधिक रिटेलर्स तक फैला हुआ है। बीएसई के अनुसार, एबॉट इंडिया का बाजार पूंजीकरण ₹61,327.29 करोड़ है। कंपनी बीएसई 200 कैटेगरी में आती है। 19 दिसंबर 2024 को बाजार बंद होने तक, एबॉट इंडिया के शेयर ₹29,049.95 पर 3.35% की बढ़त के साथ ट्रेड कर रहे थे। वहीं, बीएसई सेंसेक्स 1.20% गिरावट के साथ 79,218.05 के स्तर पर था।