Market Today : मंदड़ियों ने भारतीय शेयर बाजार पर अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है। बेंचमार्क सूचकांकों में 18 दिसंबर को लगातार तीसरे सत्र में गिरावट का सिलसिला जारी रहा। निवेशक आज रात आने वाले फेड के ब्याज दर निर्णय के परिणाम से पहले सतर्क बने रहे। कारोबार बंद होने पर सेंसेक्स 502.25 अंक या 0.62 फीसदी गिरकर 80,182.20 पर और निफ्टी 137.15 अंक या 0.56 फीसदी गिरकर 24,198.85 पर बंद हुआ। सेक्टोरल इंडेक्सों पर नजर डालें तो प फार्मा (1 प्रतिशत ऊपर) को छोड़कर दूसरे सभी इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं। इनमें ऑटो, एनर्जी, पीएसयू बैंक, मेटल, मीडिया, रियल्टी 0.5-2 फीसदी नीचे रहे।
निफ्टी पर ट्रेंट, डॉ. रेड्डीज लैब्स, सिप्ला, विप्रो और बजाज ऑटो ऑज टॉप गेनर रहे। जबकि टाटा मोटर्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, पावर ग्रिड कॉर्प, जेएसडब्ल्यू स्टील और एनटीपीसी की सबसे ज्यादा पिटाई हुई।
प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर का कहना है कि शुरुआती कारोबार में गिरावट के बाद,निफ्टी दिन के बाकी समय में सीमित दायरे में रहा और सत्र के अंत में 137.15 अंकों की गिरावट के साथ 24,198.85 पर बंद हुआ। आईटी और फार्मा को छोड़कर, अन्य सभी सेक्टर लाल निशान में बंद हुए। मीडिया और पीएसयू बैंकिंग सबसे ज़्यादा पिटे। ब्रॉडर मार्केट में भी बिकवाली का दबाव देखा गया। मिड और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.64 फीसदी और 0.87 फीसदी की गिरावट आई। निफ़्टी ने आज एक और बियरिश कैंडल बनाई है। लेकिन ऑवर्ली चार्ट पर इंडेक्स ओवरसोल्ड जोन में प्रवेश कर चुका है। ऐसे में अब एक उछाल की ज़रूरत है। निफ्टी के लिए तत्काल रजिस्टेंस और सपोर्ट 24,370 और 24,100 पर दिख रहा है।
द स्ट्रीट्स के फंड मैनेजर और ट्रेडिंग रणनीतिकार कुणाल रंभिया ने कहा कि एनएसई इंडेक्स में 21 नवंबर के निचले स्तर से 6-7 फीसदी की तेज रिकवरी के बाद मुनाफावसूली के कारण बाजार में हालिया गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि इस तरह के करेक्शन,जो रैली के लगभग 40 फीसदी के बराबर हैं, यूएस फेड के फैसले जैसी बड़ी घोषणाओं से पहले आम बात हैं।
वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज की क्रांती बाथिनी ने कहा कि फेड के फैसले से पहले मुनाफावसूली और निवेशकों की सतर्कता ने भी हाल की गिरावट को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि निफ्टी के लिए 24,000 एक महत्वपूर्ण स्तर है। इस पर नजर रखना जरूरी है। जब तक यह स्तर सुरक्षित रहता है तब तक इसमें तेजी की उम्मीद कायम है। बाथिनी ने सुझाव दिया कि शॉर्ट टर्म निवेशक सख्त स्टॉप लॉस के साथ सतर्क रुख बनाए रखें।
दूसरी ओर अधिक धैर्यवान निवेशकों को इस करेक्शन का इस्तेमाल भारतीय इक्विटी में खरीदारी करने के लिए करना चाहिए। भारत का मीडियम टर्म आउटलुक अच्छा है। इसी तरह रंभिया का भी कहना है कि मार्केट का ओवरऑल ट्रेंड पॉजिटिव है। बाजार में हर गिरावट पर खरीदारी के मौके तलाशने चाहिए।
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