नई दिल्ली: देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों के लिए यह साल अच्छी नहीं रहा है। मुकेश अंबानी का शेयर 10 साल में पहली बार निगेटिव रिटर्न की तरफ बढ़ रहा है। हालांकि बुधवार को शुरुआती कारोबार में इसमें कुछ तेजी दिखाई दे रही है लेकिन जुलाई में अपने चरम से करीब 21 फीसदी नीचे हैं। इस दौरान कंपनी के मार्केट कैप में 4.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक की गिरावट आई है। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 1,608.95 रुपये है। कंपनी का शेयर 8 जुलाई को इस स्तर पर पहुंचा था। लेकिन उसके बाद से इसमें काफी गिरावट आ चुकी है। सुबह 9.45 बजे कंपनी का शेयर बीएसई पर 0.62% की तेजी के साथ 1252.80 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।रिलायंस के शेयरों ने पिछले कुछ वर्षों में मजबूत रिटर्न दिया था। साल 2017 में उसने 70.55% रिटर्न दिया। उसके बाद साल 2018 से साल 2020 तक इसमें अच्छी तेजी रही लेकिन उसके बाद इसकी ग्रोथ धीमी होने लगी। साल में 2021 इसका रिटर्न घटकर 19.32% रह गया। फिर 2022 में इसने 7.60% और 2023 में 1.44% रिटर्न दिया। इस साल यह निगेटिव रिटर्न की तरफ बढ़ रहा है। एनालिस्ट्स इसकी धीमी गति, रियल एस्टेट की बढ़ती लागत और विस्तार को बनाए रखने के लिए आवश्यक पूंजीगत खर्च का हवाला देते हुए अधिक सतर्क हो गए हैं। साथ ही क्विक कॉमर्स कंपनियों के तेजी से बढ़ने से खासकर खुदरा क्षेत्र में रिलायंस के रेवेन्यू और मार्जिन पर दबाव बढ़ा है।
रिटेल की चुनौतियां
रिलायंस रिटेल को साल 2024 में काफी बाधाओं का सामना करना पड़ा है। खासकर फैशन सेगमेंट में मांग कमजोर हुई है। साथ ही पिछले वर्ष की तुलना में हाई-बेस एनवायरमेंट में ऑपरेशन की चुनौतियां हैं। कंपनी को अपने 1,185 स्टोर बंद करने पड़े हैं और फुट ट्रैफिक बढ़ने के बावजूद उस सुस्त रेवेन्यू ग्रोथ का सामना करना पड़ा है। क्विक कॉमर्स (QC) कंपनियों का उभार से खुदरा बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। हालांकि, जेफरीज रिलायंस रिटेल को खुदरा क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में देखता है। उसका कहना है कि कंपनी को उच्च-प्रभाव वाले अवसरों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और निवेशकों की बेहतर समझ के लिए पारदर्शिता में सुधार करना चाहिए। उसने SOTP आधार पर रिलायंस के शेयर को 1,700 रुपये के प्राइस टारगेट के साथ खरीदने की सलाह दी है।
RIL के लिए आगे की राह
ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस, जेपी मॉर्गन का कहना है कि अधिकांश स्टॉक ऐतिहासिक स्तरों से ऊपर कारोबार कर रहे हैं और ऐसे में रिलायंस का शेयर आकर्षक बना हुआ है। ब्रोकरेज का मानना है कि कंपनी को स्टॉक की कीमत आगे ले जाने के लिए मजबूत रिफाइनिंग/पेटकेम मार्जिन या रिटेल कंपनी के हाई वैल्यूएशन की आवश्यकता होगी। अभी रिलायंस रिटेल का मूल्यांकन डीमार्ट जैसे प्रतिस्पर्धियों की तुलना में कम है। आईपीओ या स्टेक सेल से रिटेल वैल्यूएशन में तेजी आ सकती है। इससे रिलायंस के शेयरों में तेजी आ सकती है।
(डिस्क्लेमर: इस विश्लेषण में दिए गए सुझाव व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के हैं, stock market news के नहीं। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि किसी भी निवेश का निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श कर लें। क्योंकि शेयर बाजार की परिस्थितियां तेजी से बदल सकती हैं।)