Share Market: शेयर बाजार में आज 18 दिसंबर को लगातार तीसरे दिन ‘बियर गैंग’ हावी दिखाई दे रहे हैं। सेंसेक्स दिन के कारोबार में 600 अंकों से अधिक गिर गया। वहीं निफ्टी करीब 186 अंक टूटकर 24,150 के पास नीचे चला गया। इसके चलते बीएसई में लिस्टेड कंपनियों की मार्केट वैल्यू आज करीब 2 लाख करोड़ रुपये घट गई। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी आधा फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। यूटिलिटी, बैकिंग, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और मेटल्स शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली। इस गिरावट के पीछे 3 बड़े कारण रहे।
1. ट्रंप ने दी भारत पर जवाबी टैक्स लगाने की दी धमकी
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रेसिप्रोकल यानी जवाबी टैक्स लगाने की धमकी दी है। उनका कहना है कि भारत अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर जितना टैक्स लगाता है, उतना ही हम भी भारतीय प्रोडक्ट्स पर लगाएंगे। ट्रंप ने मंगलवार को ये टिप्पणियां कीं और यह भी कहा कि भारत और ब्राजील उन देशों में शामिल हैं जो कुछ अमेरिकी उत्पादों पर भारी टैक्स लगाते हैं। ट्रंप का यह बयान दोनों देशों के ट्रेड संघर्ष को लेकर चिंता पैदा करता है, जिससे भारतीय एक्सपोर्टर की लागत बढ़ सकती है। शेयर बाजार के सेंटीमेंट पर इस बयान का अहम असर रहा।
2. FIIs की ओर से बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की ओर से भारी बिकवाली ने भी बाजार का मूड खराब करने में अहम भूमिका निभाई। FIIs ने मंगलवार को 6,409.86 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की, जिससे मंदी का माहौल बना। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने बताया “FIIs की तेज बिकवाली से नियर-टर्म में बाजार का स्ट्रक्चर कमजोर हो गई है। कल कैश मार्केट में विदेशी निवेशकों ने 6,410 करोड़ रुपये की बिकवाली की। इससे संकेत मिलता है कि बाजार में उछाल आने पर और भी बिकवाली हो सकती है।”
विजयकुमार ने कहा अमेरिका की तुलना में भारतीय बाजारों का हालिया समय में प्रदर्शन कमजोर रहा है, जो FIIs की बिकवाली का प्रमुख कारण है। S&P 500 इंडेक्स में इस साल अब तक 27.5 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है, जबकि निफ्टी इस अवधि में केवल 12 प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने कहा, “भारतीय इकोनॉमी के सामने मौजूद चुनौतियों और अमेरिकी इकोनॉमी के लचीलापन को देखते हुए, आगे भी यह अंतर ऐसे भी बना रह सकता है।”
3. फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों पर फोकस
ग्लोबल मार्केट्स का पूरा ध्यान इस समय अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों पर है, जिसका ऐलान आज देर शाम किया जाएगा। शेयर बाजार यह मानकर चल रहा है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है। हालांकि उसका अधिक ध्यान फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान में है, जिसमें भविष्य की मॉनिटरी पॉलिसी को लेकर संकेत दे सकते हैं।
HDFC सिक्योरिटीज के देवर्ष वकील ने कहा, “ग्लोबल बाजारों में चिंता है कि फेडरल रिजर्व यहां से आगे ब्याज दरों में कटौती की रफ्तार में ठहराव या मंदी का संकेत दे सकता है। इसके चलते निवेशकों ने इस समय सतर्क रुख अपनाया हुआ है।”
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। stock market news की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।