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डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने का Fed की 2025 की पॉलिसी पर पड़ेगा क्या असर?

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व आज इंटरेस्ट रेट घटाने का ऐलान करेगा। इंडिया में इस बारे में देर रात पता चलेगा। एनालिस्ट्स का ज्यादा फोकस इस बात पर है कि जेरोम पॉवेल 2025 को लेकर क्या ऐलान करते हैं। फेड के लिए आगे का रास्ता आसान नहीं है। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति बन जाएंगे। वह लगातार इंपोर्ट पर टैरिफ बढ़ाने की बात कर रहे हैं। ऐसे में जेरोम पॉवेल के लिए मुश्किल बढ़ सकती है, क्योंकि ज्यादा टैरिफ से इनफ्लेशन बढ़ सकता है।

2022 में इनफ्लेशन 9 फीसदी पहुंच गया था

अमेरिका में 2022 के मध्य में इनफ्लेशन (Inflation) 9.1 फीसदी पर पहुंच गया था, जो बीते 40 साल में सबसे ज्यादा था। तब से इसमें तेज गिरावट आई है। 2024 में ज्यादातर समय यह 2.5 से 3 फीसदी के बीच रहा। हालांकि, यह फेडरल रिजर्व (Federal Resereve) के 2 फीसदी के टारगेट से ज्यादा है। उधर, अमेरिकी इकोनॉमी की ग्रोथ अनुमान से बेहतर रही है। इकोनॉमी की ग्रोथ करीब 3 फीसदी है। लेबर मार्केट में भी हालात बेहतर दिख रहे हैं। ऐसे में अगर डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ बढ़ाने का फैसला लेते हैं तो पूरी तस्वीर बदल सकती है।

ट्रंप की पॉलिसी का असर इनफ्लेशन के आउटलुक पर पड़ेगा

विदेशी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा के एनालिस्ट्स का कहना है कि ट्रंप की पॉलिसी का असर 2025 में ग्रोथ और इनफ्लेशन के आउटलुक पर पड़ेगा। टैरिफ बढ़ने पर इनफ्लेशन में इजाफा होगा। इससे इनवेस्टमेंट की रफ्तार भी सुस्त पड़ेगी। ग्रोथ पर इसके निगेटिव असर की कुछ हद तक भरपाई टैक्स में कमी से हो सकती है। मॉर्गन स्टेनली के एनालिस्ट्स का भी मानना है कि टैरिफ बढ़ने और इमिग्रेशन की पॉलिसी में सख्ती के चलते 2025 की चौथी तिमाही और 2026 की पहली तिमाही में इनफ्लेशन बढ़ सकता है।

यह भी पढ़ें: Short Call: फेडरल रिजर्व की पॉलिसी का मार्केट्स पर पड़ेगा कितना असर? जानिए Piramal Pharma और HDFC Bank क्यों सुर्खियों में हैं

फेड 2025 में इंटरेस्ट रेट में कमी की रफ्तार सुस्त कर सकता है

एनालिस्ट्स का कहना है कि अमेरिकी सरकार की पॉलिसी में बदलाव की संभावना को देखते हुए 2025 की अपने स्ट्रेटेजी में फेडरल रिजर्व को बदलाव करना पड़ सकता है। इनफ्लेशन बढ़ने की चिंता को देखते हुए फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट को लेकर सावधानी बरतना चाहेगा। नोमुरा को उम्मीद है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक 2025 में इंटरेस्ट रेट घटाने की रफ्तार पर ब्रेक लगा सकता है। ऐसे में 2025 की पहली तिमाही में इंटरेस्ट रेट में सिर्फ एक बार कमी की जा सकती है। दोबारा 2026 में इनफ्लेशन का दबाव कम होने पर वह इंटरेस्ट रेट में कमी का सिलसिला शुरू कर सकता है।

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