स्पाइसजेट अगले दो साल के अंदर लॉस से बाहर आ जाएगी। कंपनी के चेयरमैन और एमडी अजय सिंह ने यह बताया। हाल में इस एयरलाइंस ने शेयरों के क्वालिफायड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिए 3,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इससे पहले कंपनी के सामने फंड की बड़ी प्रॉब्लम आ गई थी। अब यह संकट दूर हो गया है। सिंह ने मनीकंट्रोल से बातचीत में कंपनी के प्लान के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कंपनी संकट से बाहर निकलने की कोशिश कर रही है। इसमें इनवेस्टर्स और ग्राहकों का सपोर्ट मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि स्पाइसजेट को लेकर पहले कुछ आशंका थी। लेकिन, निवेशकों को स्पाइसजेट के फिर से पटरी पर आ जाने का भरोसा है। उन्हें कंपनी की ग्रोथ स्टोरी और मेरी प्रतिबद्धता पर भी भरोसा है। हमारे पास अनुभवी एंप्लॉयज हैं, एक्सक्लूसिव स्लॉट्स हैं और ज्यादा डिमांड वाले डेस्टिनेशंस के ट्रैफिक राइट्स हैं। अभी कंपनी के 28 प्लेन का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। फंड आने से इनका इस्तेमाल भी शुरू हो जाएगा।
सिंह ने बताया कि SpiceJet ने 3 सितंबर को रोडशो शुरू किया था। 20 सितंबर तक हमने 3,000 करोड़ रुपये जुटा लिए थे। इस पैसे को जुटाने में सिर्फ 17 दिन लगे। यह पैसा बैंक में है। खास बात यह है कि यह पैसा हमने दुनिया और देश के कुछ सबसे बड़े निवेशकों से जुटाया है। इससे इंडिया की ग्रोथ स्टोरी और स्पाइसेजट के मैनेजमेंट में निवेशकों के भरोसे का पता चलता है। निवेशकों का मानना है कि इंडिया में एविएशन इंडस्ट्री अभी पूरी तरह से विकसित नहीं है। इंडिया की अच्छी ग्रोथ के बावजूद अभी देश की सिर्फ 5 फीसदी आबादी हवाई सफर करती है।
स्पाइसजेट के बॉस ने बताया कि अभी इंडिया में 800 एयरक्राफ्ट है। अगले 10 साल में यह संख्या करीब 1500 तक पहुंच जाने का अनुमान है। तब चीन में 7000 एयरक्राफ्ट होंगे। अमेरिका में 10,000 से ज्यादा एयरक्राफ्ट होंगे। इसका मतलब है कि चीन और अमेरिकी के मुकाबले यह फर्क काफी ज्यादा है। यह भी ध्यान में रखने की जरूरत है कि SpiceJet के बगैर इंडिया का एविएशन मार्केट में सिर्फ दो प्लेयर्स रह जाएंगे। 2015 में ऐसी ही स्थिति थी, जब हमें वेंडर्स को काफी ज्यादा पैसे चुकाने थे। मैंने उन्हें व्यक्तिगत रूप से भरोसा दिलाया था कि पैसा तीन साल के अंदर मिल जाएगा। हमने दो साल के अंदर हर प्रॉब्लम को सॉल्व कर दिया था। इस बार ज्यादातर सेटलमेंट पूरा हो चुका है।