वित्त वर्ष 2024 में क्विक कॉमर्स कंपनी जेप्टो (Zepto) का रेवेन्यू सालाना आधार पर दोगुने से भी ज्यादा यानी 120 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 4,455 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का रेवेन्यू 2,026 करोड़ रुपये था। दरअसल, ऐसे ग्राहकों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है, जो अपनी खरीदारी अब ई-कॉमर्स और किराना स्टोर्स के बजाय 10 मिनट की डिलीवरी वाले ऐप के जरिये करना चाहते हैं।
इन कस्टमर्स को हासिल करने के लिए जेप्टो ने मार्केटिंग, मटीरियल कॉस्ट आदि पर भी काफी रकम खर्च की है। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का कुल खर्च बढ़कर 5,747 करोड़ रुपये था, जो 2023 में 3,350 करोड़ रुपये था। हालांकि, खर्च में तेज बढ़ोतरी के बावजूद कंपनी के नुकसान में मामूली यानी तकरीबन 2 पर्सेंट की गिरावट आई। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का नुकसान 1,272 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2024 में घटकर 1,249 करोड़ रुपये हो गया।
कंपनी के को-फाउंडर आदित पलीचा ने लिंक्डइन पर बताया, ‘ हमारे एकाउंटिंग रेवेन्यू में सालाना आधार पर 120 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई…यहां तक कि 120 पर्सेंट सालाना ग्रोथ के साथ हमारे कुल नुकसान में सालाना आधार पर गिरावट रही। हमें अपनी ग्रोथ की रफ्तार जारी रहने की उम्मीद है और हम प्रॉफिट की दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं।’
यह जानकारी भारतीय इकाई किरानाकार्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (Kiranakart Technologies Pvt Ltd) द्वारा फाइलिंग के जरिये दी गई है, जो लाइसेंसिंग ब्रांड ‘जेप्टो’ के जरिये रेवेन्यू हासिल करती है। किरानाकार्ट बिजनेस-टू बिजनेस (B2B) कंपनी है, जो कंज्यूमर गुड्स ट्रेडिंग में शामिल है। साफ तौर पर कहा किरानाकार्ट टेक्नोलॉजीज के पास जेप्टो प्लेटफॉर्म का मालिकाना हक है और इसे कई इकाइयों द्वारा चलाया जाता है, जिसके लिए किरानाकार्ट गुड्स की सप्लाई करती है।