गोल्ड के लिए यह साल शानदार रहा है। गोल्ड ने निवेशकों को 2024 में अच्छा रिटर्न दिया है। इसका असर गोल्ड ईटीएफ पर दिखा है। गोल्ड ईटीएफ का एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) बीते एक साल में 64 फीसदी बढ़कर 44,200 करोड़ रुपये हो गया है। सिर्फ नवंबर में गोल्ड ईटीएफ में 1,257 करोड़ रुपये का निवेश आया। यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एंफी) के डेटा से मिली है। जनवरी 2020 से गोल्ड ईटीएफ में 25,409 करोड़ रुपये निवेश आया है।
सवाल है कि क्या यह गोल्ड में निवेश का सही वक्त है? एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ने की कई वजहें हैं। जियोपॉलिटिकल टेंशन बना हुआ है। इनफ्लेशन कोशिशों के बावजूद हाई बना हुआ है। स्टॉक मार्केट में सेंटिमेंट कमजोर है। ऐसे में निवेशक अपने पैसे की सेफ्टी के लिए गोल्ड में निवेश कर रहे हैं। चूंकि, निवेशकों को अब पेपर गोल्ड में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद लगता है, इसलिए गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ रहा है।
मॉर्निंगस्टर इनवेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि गोल्ड अब इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो के डायवर्सिफिकेशन के लिए जरूरी हो गया है। इसलिए इनवेस्टर्स गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर रहे हैं। सबसे ज्यादा एयूएम Nippon India Gold ETF का है। इसका AUM 15,247.92 करोड़ रुपये है। इसके बाद SBI Gold ETF का एयूएम 2,468.54 करोड़ रुपये का है। HDFC Gold ETF का एयूम 2,287.29 करोड़ रुपये है।
बीते एक साल में ज्यादातर गोल्ड ईटीएफ ने 21-22 फीसदी के बीच रिटर्न दिया है। इनमें Kotak Gold ETF, LIC Gold ETF, HDFC Gold ETF और Mirae Asset Gold ETF शामिल हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जियोपॉलिटिकल टेंशन आगे भी बने रहने के आसार हैं। ऐसे में इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में गोल्ड की हिस्सेदारी 5-10 फीसदी होनी चाहिए। निवेशक गोल्ड ईटीएफ में यह निवेश कर सकते हैं। निवेश के लिहाज से गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड का अच्छा विकल्प है।