दिन भर उठापटक के बीच बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी आज तकरीबन 1 फीसदी बढ़त पर बंद हुए। इसके साथ ही सूचकांक लगातार चौथे हफ्ते बढ़त में रहे। सुबह के कारोबार में धातु शेयरों की बिकवाली के कारण सेंसेक्स 1,207 अंक तक टूट गया था मगर बाद में बाजार दमदार वापसी करते हुए दिन के निचले स्तर से 2,000 अंक से ज्यादा चढ़ गया। भारती एयरटेल और आईसीआईसीआई बैंक एवं एचडीएफसी बैंक के शेयरों में तेजी से बाजार को दम मिला। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की लिवाली से भी बाजार में सुधार आया।
कारोबार की समाप्ति पर सेंसेक्स 843 अंक चढ़कर 82,133 या 1.04 फीसदी बढ़त पर बंद हुआ। निफ्टी भी 220 अंक की तेजी के साथ 24,768 पर बंद हुआ। इस हफ्ते सेंसेक्स 0.5 फीसदी और निफ्टी 0.37 फीसदी लाभ में रहा। बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 1.3 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 459.4 लाख करोड़ रुपये हो गया।
बीएसई में 2,173 शेयर गिरावट में और 1,818 लाभ में रहे। सेंसेक्स की बढ़त में सबसे ज्यादा योगदान भारती एयरटेल का रहा। जेफरीज द्वारा 2025 के लिए भारती एयरटेल के शेयर को अपना पसंदीदा शेयरों में शुमार किए जाने के बाद कंपनी का शेयर 4.4 फीसदी बढ़त पर बंद हुआ। 26 जुलाई के बाद एयरटेल के शेयर में एक दिन में आई यह सबसे बड़ी उछाल है। इस हफ्ते इसमें कुल 5.25 फीसदी की तेजी आई है।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, ‘दूरसंचार कंपनियां शुल्क दरों में इजाफा कर रही हैं। हाल में दूरसंचार उद्योग में शुल्क में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अगली एक-दो तिमाही में इसका असर कंपनियों के मुनाफे पर दिखेगा।’
आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक ने भी सेंसेक्स की बढ़त में अच्छा खासा योगदान दिया। नवंबर में खुदरा मुद्रास्फीति के नरम पड़ने से भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक में रीपो दर में कटौती की उम्मीद बढ़ गई है। नवंबर में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 5.48 फीसदी रहा जो अक्टूबर में 6.2 फीसदी था। पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक में केंद्रीय बैंक ने रीपो दर को यथावत रखा था मगर नकद आरक्षी अनुपात में 50 आधार अंक की कटौती की थी।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘निचले स्तर से जबरदस्त वापसी से संकेत मिलता है कि बाजार में गिरावट पर खरीदारी की रणनीति काम कर रही है। मुद्रास्फीति के केंद्रीय बैंक के सहज दायरे में आने और खाद्य पदार्थों के दाम और कम होने से फरवरी में दर कटौती की उम्मीद बढ़ गई है।’ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 2,335 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध लिवाली की। घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 732 करोड़ रुपये की बिकवाली की।