गेहूं को लेकर एक बड़ी खबर आई है। दरअसल सरकार ने ट्रेडर्स के लिए गेहूं पर स्टॉक लिमिट घटा दी है। पहले स्टॉक लिमिट 2000 मैट्रिक टन थी जो अब घटाकर 1000 मैट्रिक टन कर दी गई है। वहीं रिटेलरर्स और बड़ी रिटेल कंपनियों के लिए ये लिमिट घटाकर 5 मीट्रिक टन कर दी गई है। रिटेलर के लिए लिमिट 10 MT से घटकर 5 MT की गई है। बड़ी रिटेल कंपनियां भी सिर्फ 5 MT स्टॉक रख सकेंगी। ये स्टॉक लिमिट 31 मार्च 2025 तक जारी रहेगी। प्रोसेस करने वालों के लिए नई सीमा मासिक स्थापित क्षमता के 60 फीसदी से घटाकर 50 फीसदी कर दी गई है कुल लिमिट अप्रैल तक के बचे माह के आधार पर तय होगी।
सरकार के इस कदम से सिस्टम में गेहूं की सप्लाई बढ़ेगी और इससे कीमतों के नियंत्रण में बने रहने की उम्मीद है। फिलहाल गेहूं की बुवाई चल रही है और नई फसल मार्च में आने लगती है। ये लिमिट भी मार्च तक के लिए है। हालांकि दूसरी तरफ सरकार ने कहा कि देश में गेहूं की कोई कमी नही हैं। खाद्य मंत्रालय ने इसको लेकर सूचना जारी कर दी है। इसमें कहा गया है कि गेहूं के दाम में कमी लाने के लिए लगातार कोशिश जारी है। इसी कोशिश के तहत गेहूं की स्टॉक लिमिट में बदलाव करने का फैसला लिया गया है।
इससे पहले भी गेहूं की स्टॉक लिमिट का नियम लगाया गया था। हालांकि इसके बावजूद कीमतों पर कुछ खास असर नहीं पड़ा था। यही कारण है कि सरकार को लिमिट फिर से कम करना पड़ा। सरकार ने सबसे पहले 24 जून को स्टॉक लिमिट का नियम लगाया था, इसके बाद 9 सितंबर को इसमें बदलाव किया गया था।
खाद्य मंत्रालय ने कहा कि स्टॉक करने वाली सभी कंपनियों को स्टॉक लिमिट पोर्टल (evegoils.nic.in/wsp/login) पर हर शुक्रवार को स्टॉक के बारे में बताना होगा। अगर कोई कंपनी (होलसेलर, बिग चेन रिटेलर्स, स्मॉल चेन रिटेलर्स, प्रोसेसर) तय लिमिट से ज्यादा गेहूं जमा करती है तो उसे नोटिफिकेशन जारी होने के 15 दिन के अंदर नई स्टॉक लिमिट को मेंटेन करना होगा। अगर कोई कंपनी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं करती है या स्टॉक लिमिट नियमों का उल्लंघन करती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।