Vodafone Idea Preferential Issue: टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के बोर्ड ने 1980 करोड़ रुपये का फंड जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने आज 9 दिसंबर को बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया। कंपनी ने कहा कि यह फंड प्रेफरेंशियल बेसिस पर 176 करोड़ शेयर जारी करके जुटाई जाएगी। इस बीच वोडाफोन आइडिया के शेयरों में आज 0.25 फीसदी की गिरावट देखी गई और यह स्टॉक BSE पर 8.10 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। कंपनी का मार्केट कैप 56,456 करोड़ रुपये है।
11.28 रुपये प्रति शेयर के भाव जारी होंगे शेयर
वोडाफोन आइडिया ने कहा कि प्रेफरेंशियल इश्यू के तहत शेयर 11.28 रुपये प्रति शेयर के भाव पर जारी किए जाएंगे। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि इसके तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 1,755,319,148 इक्विटी शेयर 11.28 रुपये प्रति इक्विटी शेयर (1.28 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के प्रीमियम सहित) के इश्यू प्राइस पर जारी किए जाएंगे, जिससे कुल 1980 करोड़ रुपये का फंड जुटाया जाएगा।
दो प्रमोटर एंटिटीज को जारी किए जाएंगे शेयर
टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया प्रमोटर ग्रुप की दो एंटिटी को ₹1980 करोड़ के इक्विटी शेयर जारी करेगी। ओमेगा टेलीकॉम होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड को ₹1280 करोड़ के शेयर जारी किए जाएंगे। वहीं, उषा मार्टिन टेलीमैटिक्स लिमिटेड को ₹700 करोड़ मूल्य के शेष शेयर जारी करने की योजना है।
ये दोनों वोडाफोन ग्रुप की एंटिटीज हैं। इश्यू प्राइस करीब 40 फीसदी प्रीमियम पर है। 9 दिसंबर को वोडाफोन आइडिया के शेयर 8.11 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए थे। वोडाफोन आइडिया में वोडाफोन ग्रुप की 22.56% हिस्सेदारी है। इसके अलावा, आदित्य बिड़ला ग्रुप की 14.76% और सरकार की 23.15% हिस्सेदारी है।
पिछले हफ्ते ही वोडाफोन ग्रुप ने ब्लॉक डील के जरिए इंडस टावर्स में अपनी बची हुई 3 फीसदी हिस्सेदारी ₹2802 करोड़ में बेची थी। इस आय का एक हिस्सा लेंडर्स को अपने मौजूदा कर्ज का भुगतान करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। वहीं, शेष फंड शेयरों या सिक्योरिटीज के इस इश्यू के माध्यम से वोडाफोन आइडिया में डाले जाने की संभावना है, जो फिर इसका उपयोग इंडस टावर्स को दिए जाने वाले बकाया का भुगतान करने के लिए करेंगे।
ब्रोकरेज रिपोर्ट के अनुसार, वोडाफोन आइडिया का इंडस टावर्स पर मौजूदा बकाया ₹3500 करोड़ है। इस साल की शुरुआत में वोडाफोन आइडिया ने भारत के अब तक के सबसे बड़े फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) के जरिए ₹18,000 करोड़ से ज़्यादा जुटाए थे।