Vishal Mega Mart IPO: विशाल मेगा मार्ट का ₹8,000 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 11 दिसंबर को खुलेगा और शुक्रवार 13 दिसंबर को बंद होगा। यह इश्यू पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल का होगा यानी कि आईपीओ का पैसा कंपनी को नहीं मिलेगा। ग्रे मार्केट में बात करें तो इसके शेयर आईपीओ के अपर प्राइस बैंड से 24 रुपये यानी 30.77% की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर पहुंच गए हैं। कुछ दिनों पहले इसकी जीएमपी ₹13.50 ही थी। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी की कारोबारी सेहत के हिसाब से आईपीओ में निवेश से जुड़े फैसले लेने चाहिए। अब बात करते हैं इसमें पैसे लगाएं या नहीं, इस पर फैसला लेने से पहले कुछ रिस्क फैक्टर समझ लें जो इसके रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस से लिए गए हैं।
Vishal Mega Mart IPO की डिटेल्स
विशाल मेगा मार्ट का ₹8,000.00 करोड़ का आईपीओ 11-13 दिसंबर के बीच खुला रहेगा। इसमें ₹74-₹78 के प्राइस बैंड और 190 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकेंगे। आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 16 दिसंबर को फाइनल होगा। फिर बीएसई और एनएसई पर 18 दिसंबर को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार केफिन टेक है। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 1,025,641,025 शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री होगी।
निवेश पर रिस्क
थर्ड पार्टी वेंडर्स पर निर्भरता
विशाल मेगा मार्ट के स्टोर में जो भी चीजें बिकती हैं, वह इसे खुद नहीं बनाती है बल्कि थर्ड पार्टी वेंडर्स से इसे मिलता है। सितंबर 2024 छमाही में इसके नेटवर्क में 781 ऐसे वेंडर्स थे, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह संख्या 769 थी। कंपनी ने आरएचपी में वेंडर्स से जुड़े रिस्क का भी जिक्र किया है जैसे कि लागत में बदलाव, नए समझौतों में प्रवेश की क्षमता, प्रोडक्शन में देरी और अतिरिक्त लागत, ट्रेड सीक्रेट्स की सुरक्षा, वेंडर्स के व्यापारिक हालात में बदलाव इत्यादि।
ED के निर्देश
विशाल मेगा मार्ट को केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी से जानकारी और डॉक्यूमेंट्स पेश करने के लिए दो निर्देश मिले हैं। पहला निर्देश इसे फरवरी 2021 में मिला था जो फेमा, 1999 के सेक्शन 37 के तहत एक जांच के तौर पर प्री-मर्जर कैपिटल स्ट्रक्चर, शेयरहोल्डिंग, डायरेक्टर्स, प्रमोटर्स और वित्त वर्ष 2010-2011 में खोले गए स्टोर्स से जुड़ी जानकारियां मांगी गई थी। इसके बाद दूसरा निर्देश 1 दिसंबर को मिला जिसमें कंपनी और उसकी सब्सिडियरी में किए गए विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI), कारोबारी मॉडल, स्टेप-डाउन निवेश आदि से जुड़ी जानकारियां मांगी गई। इनमें किसी प्रतिकूल स्थिति में भविष्य में जांच, कानूनी कार्यवाही या पेनाल्टी झेलनी पड़ सकती है।
सीमित जगहों पर अधिक निर्भरता
विशाल मेगा मार्ट की आय का एक बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और असम राज्यों में स्थित स्टोर्स से आता है। सितंबर छमाही में इन तीन राज्यों से इसे 36.3% आय हुई थी। पिछले साल की समान तिमाही में यह आंकड़ा 37.22% था। इन राज्यों में अगर कोई दिक्कत होती है तो इसके कारोबार को झटका लग सकती है।
मुकदमे और कानूनी विवाद
विशाल मेगा मार्ट, सब्सिडियरीज, प्रमोटर्स और निदेशकों के खिलाफ कई कानूनी कार्यवाही चल रही है। आरएचपी के मुताबिक कंपनी के खिलाफ एक आपराधिक मामला है, साथ ही 16 टैक्स प्रक्रियाएं और 32 अन्य कानूनी या नियामक प्रक्रियाएं भी चल रही हैं। इसके अलावा सब्सिडियरीज के खिलाफ 7 आपराधिक मामले, 33 टैक्स मुकदमे और 247 कानूनी कार्यवाहियां चल रही हैं। प्रमोटरों के खिलाफ चार टैक्स मुकदमे भी चल रहे हैं।
मौसमी असर
विशाल मेगा मार्ट की सबसे अधिक बिक्री त्योहारों के समय होती है। ऐसे में कंपनी की बिक्री और कारोबारी नतीजे हर तिमाही अलग-अलग हो सकते हैं।।
कुछ और रिस्क
ऊपर दिए गए रिस्क के अलावा कुछ और भी रिस्क हैं। जैसे कि थर्ड पार्टी की तरफ से ट्रांसपोर्ट में दिक्कतें आ जाए तो सर्विसेज प्रभावित होंगी। इसके अलावा सब्सिडियरीज पर नियंत्रण नहीं रहा तो भी कारोबार प्रभावित हो सकता है।