वोडाफोन आइडिया की 9 दिसंबर, सोमवार को होने वाली बोर्ड मीटिंग में कंपनी के प्रमोटर वोडाफोन समूह से संबंधित संस्थाओं से 2,000 करोड़ रुपये तक जुटाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। कंपनी ने 4 दिसंबर को एक रेग्युलेटरी फाइलिंग में कहा था “कंपनी केबोर्ड की एक बैठक सोमवार, 9 दिसंबर 2024 को आयोजित की जानी है। इस बैठक अन्य बातों के साथ-साथ वोडाफोन समूह से संबंधित एक या एक से अधिक संस्थाओं को प्रेफरेंशियल बेसिस पर इक्विटी शेयर और/या कन्वर्टिबल सिक्योरिटीज जारी करके 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जुटाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा”।
गौरतलब है कि वोडाफोन आइडिया में वोडाफोन समूह की हिस्सेदारी 22.56 फीसदी है, जबकि कंपनी में आदित्य बिड़ला समूह की हिस्सेदारी 14.76 फीसदी और सरकार की हिस्सेदारी 23.15 फीसदी है।
इसके पहले वोडाफोन आइडिया ने कहा था कि कर्ज का निपटान करने के बाद, कंपनी बोर्ड द्वारा पूंजी जुटाने की शर्तों पर निर्णय लिए जाने के बाद,वोडाफोन आइडिया द्वारा नए इक्विटी शेयर जारी करने के लिए बकाया राशि का भुगतान करेगी।
वोडाफोन आइडिया द्वारा प्रेफरेंशियल बेसिस पर इक्विटी शेयरों या कंवर्टिबल सिक्योरिटीज के जरिए 2,000 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव से इस टेलीकॉम कंपनी को इंडस टावर्स के साथ अपने बकाया का निपटान करने में मदद मिलने की उम्मीद है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कंपनी के इस कदम से लोन फाइनेंसिंग के संबंध में बैंकों के साथ होने वाली चर्चा भी आगे बढ़ सकती है। इससे कंपनी को वित्तीय मजबूती मिलेगी।
वोडाफोन आइडिया ने यह भी कहा कि आगे चलकर टैरिफ में बढ़ोतरी होगी, लेकिन एंट्री लेवल पर टैरिफ बढ़ाने के लिए बहुत ज्यादा गुंजाइश नहीं है। इसके चलते उच्च उपभोग स्तरों पर भी इसमें और बढ़त होगी। नवंबर में, मनीकंट्रोल ने बताया था कि केंद्र ने 2022 से पहले खरीदे गए स्पेक्ट्रम पर दूरसंचार ऑपरेटरों के लिए बैंक गारंटी माफ करने को मंजूरी दे दी है। इस कदम को वोडाफोन आइडिया के लिए बड़े राहत के रूप में देखा जा रहा है। बता दें कि कंपनी पर सरकार की 24,700 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक गारंटी (बीजी) बकाया है।