आईटीसी लिमिटेड (ITC Ltd) का इरादा अपने एग्री-टेक इकोसिस्टम ITCMAARS के जरिये 4,000 किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) की मदद करना है। इसका मकसद 1 करोड़ किसानों के लिए बेहतर सुविधाएं, बाजार की पहुंच और वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराना है। सिगरेट से कंज्यूमर गुड्स तक बेचने वाले यह कारोबारी ग्रुप अपने एग्री-बिजनेस एक्सपैंशन के तहत ITCMAARS (मेटा मार्केट फॉर एडवांस्ड एग्रीकल्चरल सर्विसेज) का इस्तेमाल कृषि उत्पादनों के लिए ई-मार्केट की डिलीवरी सुनिश्चित करेगा। साथ ही, क्रेडिट ऐक्सेस और कई तरह के एडवाइजरी सॉल्यूशंस भी उपलब्ध कराएगा।
ITC के एग्री-बिजनेस डिवीजन के सीईओ एस. गणेश ने बताया, ‘ हमारा लक्ष्य 1,700 एफपीओ (फिलहाल ऐप पर रजिस्टर्ड) को बढ़ाकर 4,000 करना है। हम इसे वैल्यू चेन तक ले जाना चाहते हैं, चाहे फल हो, सब्जियां या मसाले।’ इन एफपीओ के जरिये ऐप के पास 10 राज्यों में 15 लाख किसानों का रजिस्ट्रेशन है। ITCMAARS किसानों को निजी स्तर पर सलाह की सुविधा, कमोडिटीज के लिए ई-मार्केटप्लेस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सॉल्यूशंस मुहैया कराता है। इसका मार्केट ऐक्सेस फीचर किसानों को ज्यादा आजादी के साथ अपने उत्पाद बेचने की सुविधा देता है।
इस ऐप को 2022 में लॉन्च किया गया था। ITC का दावा है कि ऐप की वजह से फसलों की उपज में 15-20 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है, जबकि फर्टिलाइजर का इस्तेमाल 15-20 पर्सेंट कम हुआ है। ITC का 40 पर्सेंट एग्री प्रोक्योरमेंट उन राज्यों में ITCMAARS के जरिये किया जाता है, जहां ऐप लॉन्च किया जा चुका है। यह प्लेटफॉर्म किसानों को एग्री-स्टार्टअप्स, क्लाइमेट-स्मार्ट प्रैक्टिस मसलन ड्रोन का इस्तेमाल, बैंक सर्विसेज आदि की सुविधा भी देता है।
ITC अपने वैल्यू-ऐडेड एग्री प्रोडक्ट्स (VAAP) पोर्टफोलियो को बढ़ाने के लिए किसानों को फसलों के डायवर्सिफिकेशन के लिए प्रोत्साहित कर रहा है और उन्हें अश्वगंधा और कलौंजी जैसी फसलें लगाने की सलाह दे रहे हैं, ताकि उन्हें कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न मिल सके।